हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर हुएराज्यसभा के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन की जीत हुई, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की क्रॉस वोटिंग की वजह से हार हुई है। हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के पास बहुमत नहीं था, लेकिन कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ न देते हुए बीजेपी का साथ दिया। जिसके चलते दोनों दलों के प्रत्याशियों को बराबर वोट मिले। इसके बाद दोनों प्रत्याशियों की सहमति के बात पर्ची के जरिए फैसला हुआ, जिसमें बीजेपी प्रत्याशी की जीत हुई है।
कांग्रेस की ओर से जिन विधायकों के कॉस वोटिंग करने का दावा किया जा रहा है, उसमें धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा, कुटलैहड़ के विधायक देवेंद्र भुट्टो, गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा, लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर और बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश में सियासी उठापटक का खेल शुरु होने की आशंका लगाई जा रही है। सत्तारूढ़ कांग्रेस में अंदरूनी कलहअब खुलकर सामने आने लगी है। कांग्रेस पार्टी के 20 विधायक सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज बताए जा रहे हैं। इन विधायकों ने आलाकमान से मुख्यमंत्री सुक्खू को बदलने की मांग की है। विधायकों ने सीएम सुक्खू पर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है।
आपको बता दें बीचे दिन मंगलवार को हिमाचल में एक राज्यसभा सीट के लिए वोटिंग हुई। आंकड़ा कांग्रेस के पास था, लेकिन बीजेपी एक सीट को जीतने में कामयाब हो गई। भारत के राजनीतिक इतिहास में बीजेपी की यह जीत बेहतरीन जीत के तौर पर रही। पहले आंकड़ों के खेल में बीजेपी ने राज्य में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को मात दी। इसके बाद जब बात पर्ची पर आई तो उसमें भी किस्मत ने बीजेपी का ही साथ दिया।
68 विधानसभा सीटों वाले हिमाचल में कांग्रेस के पास 40 विधायक ,बीजेपी के पास 25 सीटें हैं। सीटों के हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 35 है। ऐसे में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही थी। लेकिन, राज्यसभा की एक सीट के लिए कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इसके अलावा राज्य के तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी के राज्यसभा उम्मीवाद को वोट किया। जिससे राज्य में मुकाबला टाई हो गया। जिसके बाद 25 विधायक होने के बाद भी बीजेपी ने बाजी मार ली। बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन और कांग्रेस कैंडिडेट अभिषेक मनु सिंघवी को 34-34 वोट मिले। बाद में पर्ची के जरिए विजेता का फैसला हुआ। जिसमें बीजेपी नेता हर्ष महाजन ने बाजी मार ली। बीजेपी के पक्ष में कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों ने वोट किया।