
आगरा: जिले के बासौनी थाना क्षेत्र के गांव झरनापुरा में शुक्रवार दोपहर चंबल नदी में मगरमच्छ ने चरवाहा का पैर मुंह में भर लिया. मगरमच्छ जब चरवाहों नदी में खींचने लगा तो उसके दस वर्षीय बेटा ने हिम्मत दिखाई. नदी के किनारे खड़ा मासूम पानी में मगरमच्छ से भिड़ गया, उसने बबूल के मोटे डंडे से मगरमच्छ पर ताबड़तोड़ प्रहार किए. मगरच्छ पर 10-12 वार डंडे मारे तो चरवाहे का पैर छोड़ दिया. जिससे चरवाहे की जान तो बच गई लेकिन मगरमच्छ के हमले में उसके पैर में गहरे घाव हो गए. पैर की एक अंगुली मगरमच्छ काट ले गया. ग्रामीणों ने तत्काल घायल को बाह सीएचसी पर भर्ती कराया. जहां से एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.
जानकारी के मुताबिक, बासौनी थाना के गांव झरनापुरा चंबल नदी के समीप है. शुक्रवार को 35 वर्षीय वीरभान बकरी चराने चंबल नदी पर गए थे. वीरभान के साथ दस वर्षीय बेटा अजयराज और बेटी किरन भी साथ में थी. दोपहर करीब साढे तीन बजे वीरभान चंबल नदी में पानी भरने गया था और बेटा -बेटी नदी किनारे खड़े थे. जब वीरभान ने चंबल नदी में घुसकर अपनी बोतल डुबोई तो पानी के अंदर छिपे मगरमच्छ ने वीरभान पर हमला कर दिया.
वीरभान का पैर अपने जबड़े में जकड़ लिया और चंबल नदी में ले जाने लगा तो उसने शोर मचया. यह देखकर बेटा अजयराज चंबल नदी में उतर गया. वहीं, वीरभान ने भी मगरमच्छ से खुद को छुड़ाने के प्रयास किए. मगर, मगरमच्छ उसे गहरे पानी में खींच कर ले जाने लगा तो बेटा और बेटी ने शोर मचाया. इसके बाद भी जब मगरमच्छ ने नहीं छोड़ो ता अजयराज ने बबूल के डंडे से मगरमच्छ पर हमला बोल दिया. दनादन डंडे से मगरमच्छ के सिर पर प्रहार किए. जिससे उसने वीरभान का पैर छोड़ दिया.
घायल वीरभान ने बताया कि जब चंबल नदी का पानी बोतल में भर रहा था. मगरमच्छ ने मेरा पैर पकड़ा और चंबल नदी में खींच कर ले जाने लगा तो बेटा ने मगरमच्छ पर डंडे से हमला करके मेरी जान बचाई है. बेटा और बेटी की चीख पुकार सुनकर ग्रामीण भी मौके पर जमा हो गए. पहले मुझे बाह के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. जहां से आगरा भेज दिया है.
डंडे से मगरमच्छ को भागने वाला अजयराज ने बताया कि मगरमच्छ जब पिता को खींच कर ले जा रहा था तो लग रहा था. उनका बचना मुश्किल है. मगर, खुद की जान की परवाह किए. डंडे से मगरमच्छ पर हमला किया तो उनकी जान बच गई. अजयराज चौथी कक्षा में पढ़ता है.