गन्ने के रस से चीनी रिकवरी में 1% की बढ़ोतरी, आधा दर्जन से अधिक मिलों को भारी मुनाफा

मुजफ्फरनगर। इस बार गन्ने का उत्पादन कम हुआ है। लेकिन रस से निकलने वाले चीनी परते यानी रिकवरी में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी होने के चलते शुगर मिलों को भारी मुनाफे की आशा है। चीनी के अलावा गन्ने से रस निकालने के बाद बचने वाली खोई और शीरे से भी चीनी मिल चांदी काट रहे हैं।करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर गन्ने की खेती की जाती है। जिससे प्रतिवर्ष मुजफ्फरनगर के किसान 4000 करोड़ की आमदनी करते हैं। इसके साथ-साथ जनपद में स्थापित 8 चीनी मिल भी खूब मुनाफा कमाते हैं। चालू पेराई सत्र शुरू हुए दो माह हो चुके हैं। इस बार गन्ने के रस से चीनी की रिकवरी बढ़ती नजर आ रही है।हालांकि सभी शुगर मिलों में रिकवरी अलग-अलग है। बुढ़ाना शुगर मिल में चीनी की रिकवरी सबसे अधिक 10.33 प्रतिशत है। जबकि सबसे कम रिकवरी रोहन चीनी मिल की 9 प्रतिशत है। शुगर मिल संचालन की शुरूआत में चीनी पड़ता है यानी रिकवरी कम था। लेकिन रिकवरी बढ़ने से मुनाफे का प्रतिशत बढ़ रहा है। फिलहाल शुगर मिलों से चीनी 3950-4050 प्रति क्विंटल तक बेची जा रही है। जनपद की आठ चीनी मिलों में से खतौली चीनी मिल सबसे बड़ी है। दो माह में इस शुगर मिल ने 94.17 लाख क्विंटल गन्ने की खरीदारी की है। तितावी शुगर मिल ने 50.5 लाख क्विंटल और टिकोला शुगर मिल ने 56.73 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की। जबकि खाईखेड़ी शुगर मिल ने 26.06 क्विंटल एवं रोहना शुगर मिल ने 15.08 लाख क्विंटल, मोरना शुगर मिल ने 15.51 क्विंटल गन्ने की पेराई की है।चीनी के अलावा शुगर मिलो ने शीरे और खोई से भी कमाई की है। इनका उपयोग बिजली बनाने में किया जाता है। वर्ष 2023-24 के गाना सत्र में जनपद की चीनी मिलों ने 36.01 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया। चीनी मिलों की जनवरी 2024 में औसत रिकवरी 9.88 प्रतिशत है। जबकि दिसंबर 2023 माह में औसत रिकवरी 9.46 प्रतिशत थी। नवंबर में रिकवरी मात्र 9.05 प्रतिशत थी। जिला गन्ना अधिकारी संजय सिंह सिसोदिया ने बताया कि गन्ने में रिकवरी बढ़ी है।

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