जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में नए सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस का रविवार को आखिरी दिन था। इसी दौरान प्रोसेस का समर्थन कर रहे और विरोध कर रहे दो गुटों के बीच झड़प हुई थी। समर्थन कर रहे छात्र रजिस्ट्रेशन कर अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते थे। वहीं, होस्टल फीस बढ़ाने के विरोध में 70 दिन से आंदोलन कर रहे छात्र इस सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के भी विरोध में थे। कैम्पस में हिंसा भड़कने के कुछ देर बाद पुलिस को भी सूचना दी गई थी। पुलिस कंट्रोल रूम पर करीब 100 फोन कॉल आए। इनमें छात्र अपनी जान बचाने के लिए गुहार लगा रहे थे। लेकिन, पुलिस मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभालती, इससे पहले ही करीब 50 नकाबपोश हिंसा फैलाकर जेएनयू कैम्पस से जा चुके थे।
4:00 बजे: कैम्पस में टी पॉइंट पर मीटिंग हुई
जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन ने नए सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस शुरू कर रखी थी। रविवार को इसका आखिरी दिन था। स्टूडेंट्स और जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन के बीच इस मुद्दे पर विवाद था। कुछ छात्रों ने दोपहर में सर्वर रूम में घुसकर तोड़फोड़ की थी और स्टाफ को धमकाया था। इस मुद्दे पर बातचीत के लिए कैम्पस में शाम 4:00 बजे के आसपास जेएनयू कैम्पस के साबरमती टी पॉइंट पर मीटिंग रखी गई थी।
5:00 बजे: छात्रों-टीचर्स के बीच मीटिंग में झड़प हुई
साबरमती टी पॉइंट पर पहली झड़प शाम 5:00 बजे के बाद हुई। जो छात्र रजिस्ट्रेशन प्रोसेस का विरोध कर रहे थे, वे अचानक आक्रामक हो गए। वे चाहते थे कि ये प्रक्रिया रोक दी जाए। ये छात्र एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक से बढ़े और जहां मीटिंग हो रही थी, वहां पहुंचे। यहां पहली बार झड़प हुई।
6:30 बजे: नकाबपोशों ने रजिस्ट्रेशन प्रोसेस का समर्थन कर रहे छात्रों को पीटा
साबरमती टी पॉइंट पर झड़प के बाद शाम 6:30 बजे के आसपास कुछ नकाबपोश लोग हाथ में डंडे, हॉकी स्टिक, लोहे के रॉड और पत्थर लिए कैम्पस में घुसे। जेएनयू प्रशासन का कहना है कि इन नकाबपोशों ने उन स्टूडेंट्स को पीटना शुरू कर दिया, जो रजिस्ट्रेशन प्रोसेस का समर्थन कर रहे थे। इसी दौरान किसी ने जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन की प्रेसिडेंट आइशी घोष के सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। वे घायल हो गईं।
नकाबपोश बदमाश होस्टलों में घुसे
नकाबपोशों का हमला शुरू होने के बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई। डीसीपी स्तर के एक पुलिस अफसर के मुताबिक करीब 100 फोन कॉल पीसीआर को किए गए। पुलिस के पहुंचने से पहले नकाबपोश तीन होस्टलों में घुसे। उन्होंने पेरियार, साबरमती और कोयना होस्टल के कमरों में घुसकर तोड़फोड़ शुरू की। जो छात्र वहां मौजूद थे, उन्हें बुरी तरह पीटा गया। सबसे ज्यादा हिंसा पेरियार होस्टल के बाहर हुई।
सिक्युरिटी गार्डों और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल
जेएनयू प्रशासन का कहना है कि जब नकाबपोश हिंसा फैला रहे थे, तब यूनिवर्सिटी में तैनात कुछ सिक्युरिटी गार्डों को भी पीटा गया। हालांकि, जेएनयू के प्रोफेसरों का कहना है कि जब बड़ी तादाद में नकाबपोश लड़के कैम्पस में घुसने लगे तो सिक्युरिटी गार्डों ने उन्हें क्यों नहीं रोका? वहीं, हमले में गंभीर रूप से घायल हुईं स्टूडेंट्स यूनियन प्रेसिडेंट आइशी घोष ने दावा किया कि रविवार दोपहर ढाई बजे ही पुलिस को सूचना दी गई थी कि अज्ञात लोग कैम्पस में जमा हो रहे हैं। लेकिन, कार्रवाई नहीं हुई।
जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन और एबीवीपी ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए
जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि भाजपा से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य नकाब पहनकर कैम्पस में घुसे थे और उन्होंने तोड़फोड़ की। उन्होंने कई टीचर्स से भी मारपीट की। वहीं, एबीवीपी का कहना है कि लेफ्ट से जुड़े छात्र संगठन एसएफआई, एआईएसए और डीएसएफ ने हिंसा भड़काई। जेएनयू एबीवीपी के प्रेसिडेंट दुर्गेश ने बताया कि लेफ्ट विंग से जुड़े करीब 400 सदस्य पेरियार होस्टल के आसपास इकट्ठा हो चुके थे। वे ही एबीवीपी के सदस्यों को तलाशते हुए हाेस्टलों में घुसे और हिंसा की। हमारे 25 साथी घायल हो गए। 11 अभी भी लापता हैं।
हिंसा में 35 घायल, एम्स ने 34 को छुट्टी दी
जेएनयू में रविवार को हिंसा के बाद 35 लोग घायल हुए। इनमें ज्यादातर छात्र हैं। 4 छात्रों को सिर में चोट आई थी। 34 घायलों को एम्स में इलाज के बाद सोमवार को छुट्टी दे दी गई है। जेएनयू कैम्पस में भारी पुलिसबल तैनात है।
भाजपा और कांग्रेस-लेफ्ट ने भी एकदूसरे पर आरोप लगाए
जेएनयू में हिंसा के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और भाकपा नेता डी राजा ने केंद्र सरकार, भाजपा और आरएसएस पर हिंसा भड़काने के आरोप लगाए। वहीं, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विपक्ष की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हिंसा के 10 मिनट के अंदर कुछ विपक्षी नेता कैम्पस में कैसे पहुंच गए थे? इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से इस मुद्दे पर बातचीत की है।
एएमयू, आईआईटी मुंबई और ऑक्सफोर्ड में विरोध प्रदर्शन
जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में और घायल छात्रों के समर्थन में कई यूनिवर्सिटी कैम्पस में प्रदर्शन हुए हैं। मुंबई में आईआईटी बॉम्बे, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस, पुणे में एफटीआईआई, पुड्डुचेरी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु यूनिवर्सिटी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कैम्पस में प्रदर्शन हुए हैं।
एफआईआर दर्ज
सोमवार को इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच करेगी। इसके लिए 9 टीमें बनाई गई हैं। जेएनयू प्रशासन से सीसीटीवी फुटेज मांगे गए हैं।
दिल्ली पुलिस 7 बिंदुओं पर जांच करेगी
- हमलावर कौन थे?
- हमलावर कैम्पस के अंदर थे या बाहर से आए थे?
- जिन हमलावरों ने नकाब पहन रखे थे, क्या वे किशनगढ़ और हुमायूंपुर जैसे आसपास के इलाकों से आए थे?
- पुलिस की पीसीआर वैन की क्या भूमिका थी?
- जेएनयू प्रशासन ने पुलिस को सूचना देने में देर क्यों की?
- सिक्युरिटी गार्डों ने क्या नकाबपोशों को देखा था?
- अगर हां तो उन्हें प्रवेश कैसे दिया गया? क्या नकाबपोशों के पास छात्रों के आईडी कार्ड थे?