बॉलीवुड से जुड़े मशहूर एक्टर व एक्ट्रेस तो हमेशा ही किसी न किसी वजह से चर्चा में आ ही जाते हैं वहीं रेखा का इससे पुराना रिश्ता रहा है। कॉन्ट्रोवर्सी की दुनिया में रेखा हमेशा बनी रहती है। अभी कुछ ही दिन पहले रेखा को लेकर ये बात सामने आई थी कि वो संजय दत्त के नाम का सिन्दूर अपनी मांग में लगाती हैं। कहा जा रहा था कि ये बात दावा यासेर उस्मान की बुक ‘रेखा : द अनटोल्ड स्टोरी’ में लिखी गई है लेकिन काफी सर्च करने के बाद पता चला कि ऐसा कुछ उस बुक में था ही नहीं।
अगर देखा जाए तो रेखा की लाइफ के कई पहलुओं को उजागर करने वाली इस बुक में उनकी शादी से जुडी बातों पर भी प्रकाश डाला गया है। इस किताब में बताया गया है कि कैसे रेखा ने हसबैंड मुकेश अग्रवाल से दूरी बनाई और शादी के सात महीने बाद ही मुकेश ने मौत को गले लगा लिया।
किताब के अनुसार, 4 मार्च 1990 की दिन मुकेश अग्रवाल सुरिंदर कौर यानि रेखा की फ्रेंड के साथ रेखा के घर पहुंचे और शादी के लिए प्रपोज कर दिया। रेखा मुकेश का एक्साआइटमेंट देखकर चौंक गई थी इतना ही नहीं सबसे बडी खास बात तो ये थी कि इन दोनों की फैमिली मुंबई में नहीं थीं उसके बाद भी उन्होंने शादी का फैसला कर लिया।
उसी दिन शाम के समय रेखा मुकेश से शादी करने के लिए मुंबई के मुक्तेश्वर देवालय पहुंची जिसके करीब इस्कॉन मंदिर भी था लेकिन लोगों को जैसे ही जानकारी हुई काफी भीड़ जमा हो गई जिसके कारण वो वहां नहीं जा पाई। ये दोनों जब रात के समय मुक्तेश्वर देवालय पहुंचे, तो वहां के पुजारी संजय बोडस सो चुके थे जिसके बावजूद मुकेश ने उन्हें जगाया और कहा कि वे शादी करना चाहते हैं। पुजारी रेखा को देखकर सकते में थे क्योंकि रेखा उन सेलिब्रिटीज में से एक थीं, जो हमेशा ही उस मंदिर में दर्शन के लिए जाती थीं। रात में 10.30 बजे शादी के मंत्र पढ़े गए और उसी समय वो दोनो एक दूसरे के हो गए।
शादी के बाद मुकेश ने रेखा को कहा कि उन्हें कुछ फ्रेंड्स के पास जाकर खुशखबरी देनी चाहिए लेकिन रेखा ये नहीं चाहती थी। उन्होंने अकबर खान, संजय खान और हेमा मालिनी के घर जाने की इच्छा जाहिर की वहीं रेखा की दोस्त सुरिंदर कौर को लेकर वे हेमा और धर्मेंद्र के घर पहुंच गए वो जैसे ही वहां पहुंचे हेमा ने उन्हें गौर से देखा और कहा कि ‘अब यह मत कहना कि तुमने इस आदमी से शादी की है।’ रेखा ने जवाब दिया- ‘बिल्कुल मैंने ऐसा ही किया है।’फिर हेमा ने पूछा-‘क्या वह बहुत अमीर है? पर रेखा ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। वहीं शादी के अगले दिन ही दोनो हनीमून के लिए विदेश रवाना हो गए। सब कुछ अच्छा चल रहा था वे दोनों काफी खुश थें। लेकिन हफ्तेभर के अंदर ही रेखा को महसूस हुआ कि वे और मुकेश एक-दूसरे से विपरीत हैं।
अगर किताब की माने तो मुकेश और रेखा अप्रैल 1990 में फिर से शादी किए और वो भी मशहूर तिरुपति मंदिर में पूरे रीतिरिवाजों के अनुसार। बता दें कि इस शादी के दौरान रेखा की मां भी मौजूद थीं लेकिन रेखा के लिए सबसे बड़ा सरप्राइज था, उनके पिता जेमिनी गणेशन का वहां होना। रेखा के लिए यह उनकी जिन्दगी की एक नई शुरुआत जैसा था।
लेकिन उसी समय मुकेश को अपने कारोबार में काफी नुकसान हो रहा था जिसके बारे में उन्होंने रेखा को नहीं बताया था लेकिन कुछ समय बाद रेखा ये सब जान गई और फिर यहीं से उनकी शादीशुदा में दरार आनी शुरू हो गई। शादी के दो महीने बाद रेखा ने मुकेश के पास दिल्ली जाना कम कर दिया। इतने समय तक मुकेश रेखा से दूर नहीं रह सकते थें वो चाहते थे कि रेखा फिल्में छोड़कर उनके साथ रहें।
लेकिन रेखा ने शादी के समय जो एग्रीमेंट तय किया था उसमें ये क्लियर कर दिया था कि वो प्रेग्नेंट होने के बाद ही फिल्मों से दूर होंगी। मुकेश ने रेखा के साथ के खातिर मुंबई में ही रहना शुरू कर दिया लेकिन इसके बाद भी रेखा कभी फिल्म सेट पर दिखाई तो कभी पार्टी में बीजी रहती। जिसके बाद से इनकी शादी में दरारे बढती गई।
शादी के तीन महीने बाद का समय रेखा को डरावना लगा उन्होंने कुछ वक्त निकाला और चीजों को समझने की कोशिश की। लेकिन जब उन्हें लगा कि सिचुएशन को समझ पाना मुश्किल है तो उन्होंने मुकेश और उनकी फैमिली से दूरी बनानी शुरू कर दी इतना ही नहीं उन्होंने किसी से बात तक करना बंद दिया डिप्रेशन में चल रहे मुकेश के लिए यह एक झटके जैसा था।
कहा जाता है कि इसी कारण अगस्त 1990 में उन्होंने नींद की गोलियों का ओवरडोज लेकर सुसाइड की कोशिश की। इस इंसिडेंट के बाद रेखा ने मुकेश को फोन किया और साफ कह दिया कि जब कोई शादी चल न रही हो तो हम क्या कर सकते हैं। रेखा ने कहा था, “मैं उस तरह की महिला बिल्कुल नहीं हूं, जो झूठ के साए में जीवन जीए। ऐसी शादी का क्या मतलब, जिसका कोई भविष्य ही न हो।”
किताब में यह भी बताया गया है कि मुकेश ने कई बार सुसाइड की कोशिश की। मुकेश की फैमिली और फ्रेंड्स को उन्हें संभालना मुश्किल हो रहा था। 10 सितंबर 1990 को उन्होंने रेखा को फोन किया और दोनों ने लंबी बात की तलाक पर दोनों की सहमति बनी। 26 सितंबर 1990 को रेखा स्टेज शो के लिए अमेरिका रवाना हो गईं। 2 अक्टूबर 1990 को मुकेश ने अपने फार्महाउस के बेडरूम में जाकर रेखा के दुपट्टे से लटककर जान दे दी।