नेपाल में चीन का खेल खत्म! ओली-प्रचंड को मनाने आया जिनपिंग का दूत लौटा खाली हाथ

नेपाल में चीन को बड़ा झटका लगा है. एक वक्त था जब नेपाली पीएम ओली जिनपिंग के इशारे पर नाचते थे लेकिन अब बाजी पलट गई है. या यूं कह सकते हैं कि नेपाल में चीन का खेल खत्म हो गया है. चीन ने नेपाल की सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को एकजुट करने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के चीनी प्रतिनिधिमंडल की चार दिवसीय नेपाल यात्रा बुधवार (30 दिसंबर) को खत्म हो गई. प्रतिनिधिमंडल को खाली हाथ चीन वापस लौटना पड़ा है. चीन की चाल नहीं चल पाई.

चीन की केंद्रीय समिति के कम्युनिस्ट पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के उप-मंत्री गुओ येओओ ने कम्युनिस्ट नेताओं की चार सदस्यीय कोर टीम का नेतृत्व किया. गुओ येओओ ने अपनी यात्रा के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनके प्रतिद्वंदी पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और माधव नेपाल सहित कम्युनिस्ट नेताओं के साथ बैठक के बाद बुधवार सुबह काठमांडू एयरपोर्ट से उड़ान भरी.

आपको बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने 20 दिसंबर को प्रतिनिधि सभा को भंग कर नए चुनावों की घोषणा कर दी थी. उन्होंने इसे प्रचंड और माधव नेपाल जैसे उनके प्रतिद्वंदियों के हमले का जवाब बताया था, जो संसद में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहे थे.

पीएम ओली के इस कदम से सत्तारूढ़ एनसीपी के विभाजन की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसका गठन 2018 में पीएम ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के आपसी विलय के बाद हुआ था. इस गठबंधन को अस्तित्व में लाने में गुओ येओओ ने अहम भूमिका निभाई थी.

दरअसल, नेपाल में एनसीपी के गठन के लिए फरवरी 2018 की यात्रा के 34 महीने बाद गुओ येओओ की यात्रा के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि गुओ ने अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान नेपाल की राजनीति में कम्युनिस्ट पार्टियों के वर्चस्व को बनाए रखने की भरपूर कोशिश लेकिन नाकाम होकर वापस लौटना पड़ा.