
15 Years Old Vehicles: यूपी के इस जिले में अब 15 साल से ज्यादा पुराने वाहन नहीं चल सकेंगे। प्रदूषण को देखते हुए जिला प्रशासन ने ये निर्णय लिया है। जी हाँ गोरखपुर जिला प्रशासन ने ये निर्णय लिया है। दरअसल एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आयी कि गोरखपुर शहर में फैले वायु प्रदूषण का 35 फीसदी वजह पुराने वाहनों से निकला धुआँ है। जिसके बाद जिलाधिकारी ने ये फैसला किया है।
बीते कुछ दिनों में शहर की हवा में तेजी से बड़ी प्रदूषण की मात्रा को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया और इसे रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर आयोजित बैठक में जिलाधिकारी विजय किरन आनंद निर्णय लिया कि अब शहर में 15 वर्ष पुराने जर्जर वाहन नहीं चलेंगे। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को सौंपी।
प्रदूषण में 35 फीसद हिस्सेदारी यातायात व्यवस्था की
यह निर्णय जिलाधिकारी ने तब लिया जब मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के आचार्य और पर्यावरणविद् प्रो. गोविंद पांडेय ने उन्हें यह बताया कि गोरखपुर शहर में पर्यावरण प्रदूषण की बड़ी वजह ऐसे जर्जर वाहनों का चलना है, जिनसे निकलने वाला धुआं वातावरण में मौजूद गैसों का संतुलन बिगाड़ रहा है। प्रो. पांडेय ने बताया कि शहर में बढ़े प्रदूषण में 35 फीसद हिस्सेदारी यातायात व्यवस्था की है। बैठक के दौरान सबसे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी पंकज यादव ने आंकड़ों के साथ बीते दिनों बढ़े प्रदूषण की जानकारी जिलाधिकारी को दी और इसे रोकने के लिए संबंधित विभागों को जरूरी निर्देश देने का आग्रह किया।
ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने की फुलप्रूफ कार्ययोजना
निर्देश के क्रम जिलाधिकारी ने पीडब्ल्यूडी, परिवहन विभाग और यातायात पुलिस से कहा कि वह शहर को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने की फुलप्रूफ कार्ययोजना तैयार करें। क्षेत्रीय अधिकारी ने जब निर्माण कार्य के चलते वातावरण में बढ़ी धूल की मात्रा का जिक्र किया तो पानी का छिड़काव कर इसे रोकने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। साथ ही यह भी कहा कि जहां भी निर्माण कार्य हो रहा है, जहां अपशिष्ट को तकनीकी प्रयास से निस्तारित किया जाना सुनिश्चित करें। शहर के आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाने की बात उठते ही जिलाधिकारी ने बैठक में मौजूद जिला कृषि अधिकारी से कहा कि लोगों को ऐसा करने से हर हालत में रोकें। पराली जलाते पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।