शहीद के परिवार की सुध नहीं ले रहा प्रशासन

सरोजनीनगर । राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर स्थित दरोगाखेड़ा में बने अमर शहीद स्मारक पर सालों से बैठे शहीद विवेक सक्सेना के परिवार को अभी तक मदद की दरकार ,  लेेकिन  शहीद विवेक सक्सेना के परिवार को प्रशासन ने नहीं ली सुध । शहीद विवेक सक्सेना का परिवार देश के सपूत का शहादत के बदले मिलने वाले सम्मान के लिए सालों से अधिक होने के बाद भी अधिकारियों की चौखट के चक्कर काटते काटते थक गई हुई । विडंबना यह है कि प्रशासन ने अभी तक शहीद विवेक सक्सेना के परिवार को सुध ना ले सका । शहीद विवेक सक्सेना का परिवार हार मान कर अनिश्चितकालीन धरने पर बैैैठ गई ।

सरकार व प्रशासन द्वारा की गई घोषणाएं भी 18 साल बाद खोखली साबित हो रही है। क्योंकि शहीद विवेक सक्सेना के पिता रामस्वरूप सक्सेना एयर फोर्स में फ्लाइट लेफ्टिनेंट पद पर रहकर देश के लिए 1965 व 1971 देश के लिए बड़ी लड़ाई लड़ी थी। वहीं विवेक सक्सेना ने अपनी पढ़ाई पूर्ण करके सेना का दामन थामा और 4 जनवरी को सन 1999 खुफिया विभाग इंटेलिजेंस ब्यूरो आई बी को ज्वाइन किया । आईबी में कुछ समय रहने के बाद 22 जुलाई सन 2000 में सीमा सुरक्षा बल में दाखिला लिया और अपने कार्यों से चर्चित मणिपुर में तैनाती के दौरान खतरों के खिलाड़ी डेयर डेविल के नाम विख्यात रहे । हालांकि वहीं 2003 में मणिपुर में आतंकवादियों की घुसपैठ , सेना ऑपरेशन सात दिन तक चला । रॉकेट लॉन्चर एम एटी चाइनीस मिसाइल से विवेक सक्सेना देश के लिए शहीद हो गए थे । वीर जवान की शहादत के बाद घर परिवार में शोक की लहर फैल गयी । कुछ दिनों बाद शहीद विवेक सक्सेना के परिवार संघर्ष बाद शहीद स्मारक बनाया ।जिसका 2017 में उत्तर प्रदेश राज्यपाल राम नाईक द्वारा शहीद विवेक सक्सेना के स्मारक का अनावरण किया गया । शहीद विवेक सक्सेना के पिता रामस्वरूप सक्सेना एक सैनिक होने के नाते सेना का कार्यकाल समाप्त है करने के बाद अपने बेटे के शहीद होने के पश्चात स्मारक का अनावरण कराने के बाद में 20 अप्रैल 2018 खुद ही दुनिया से विदा ले लेते है । परिवार ने सोचा सरकार से सहायता मिलेगी लेकिन प्रशासन ने सुध नहीं ली । 

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