विलक्षण प्रतिभा के धनी थे मोहनदास रामायणी: रविंद्रपुरी
भास्कर समाचार सेवा
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत रविंद्रपुरी महाराज के तत्वाधान में भूपतवाला स्थित सीताराम धाम में साकेतवासी महंत मोहनदास रामायणी महाराज की तीसरी पुण्यतिथि मनाई गई। जिसमें सभी संतो ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी महाराज को शॉल और पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि साकेतवासी महंत मोहनदास रामायणी महाराज एक महान एवं विलक्षण प्रतिभा के धनी संत थे। पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी एवं महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज के प्रेरणास्रोत महंत मोहनदास रामायणी महाराज ने जीवन पर्यंत संत परंपरांओं का पालन करते हुए राष्ट्र एवं समाज कल्याण में योगदान दिया। उनकी शिक्षाओं का पालन करते हुए राष्ट्र व समाज कल्याण में योगदान का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद एवं बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि साकेतवासी महंत मोहनदास रामायणी महाराज रामायण के प्रखर वक्ता थे। महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती एवं महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री एवं स्वामी हरिहरानंद महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। महंत सूरज दास महाराज ने कहा कि संत समाज की सेवा करना उनका मूल उद्देश्य है। इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद, महंत बिहारी शरण, महंत नारायण दास पटवारी, महंत अरुण दास, महंत गोविंद दास, महंत लोकेश दास, स्वामी दिनेश दास, महंत शिवानंद, महंत रामकृष्ण दास, श्यामप्रकाश, प्रह्लाद दास, प्रमोद दास, समाजसेवी अरविंद कुमार एवं हिमांशु आदि उपस्थित रहे।