बांदा : चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में ताकत झोक रहे सियासी सूरमा

गांव-गांव गली-गली समर्थन जुटा रहे भाजपा प्रत्याशी व समर्थक

सपा, बसपा और कांग्रेस प्रत्याशी भी कर रहे क्षेत्र में व्यापक जनसंपर्क

बांदा। जिले की चार विधानसभाओं के लिए 23 फरवरी को मतदान होना है। ऐसे में सियासी सूरमाओं ने अब चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोक दी है।

सदर विधानसभा से भाजपा के प्रकाश द्विवेदी, सपा से मंजुला सिंह, बसपा से धीरज राजपूत और कांग्रेस से लक्ष्मीनारायण गुप्ता मैदान में उतरे हैं। भाजपा प्रत्याशी और उनके समर्थक जहां ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की खाक छान रहे हैं, वहीं सपा, बसपा और कांग्रेस भी अपनी पूरी ताकत से प्रचार अभियान में जुटी हुई है। भाजपा प्रत्याशी द्विवेदी रविवार को अजीतपारा, सहेवा, कुरौली, घुरौंडा, जखनी, तिंदवारा, पल्हरी, मवई आदि गांवों मंे घर-घर जाकर वोट मांगे, जबकि उनकी पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता द्विवेदी की अगुवाई में महिला टोली ने शहर के हरदौल तलैया, बारी माहौल, बिजलीखेड़ा, शांतिनगर, तुलसी नगर, गंगा नगर, इंद्रप्रस्थ कालोनी, डीसीडीएफ आदि मोहल्लों में लोगों से वोट मांग रही है। प्रत्याशी और उनके समर्थक जमकर पसीना बहा रहे हैं और अपने लिए समर्थन जुटा रहे हैं। वहीं सपा की मंजुला सिंह अपने दोनों बेटों के साथ अलग-अलग टीमें बनाकर क्षेत्र में भ्रमण कर रही हैं।

जबकि कांग्रेस के लक्ष्मीनारायण गुप्ता और बसपा के धीरज राजपूत की टीमें प्रचार अभियान में जुटी हैं। इसी तरह तिंदवारी विधानसभा में कांग्रेस आदिशक्ति दीक्षित अपने समर्थकों के साथ पदारथपुर, चिल्ला, पपरेंदा, परसौंड़ा आदि गांवों में जनसंपर्क किया और अपने लिए वोट मांगे। कांग्रेस प्रत्याशी ने जनता के बीच राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की प्रतिज्ञाओं का जिक्र करते हुए लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा बुलंद किया। उनके साथ महिला जिलाध्यक्ष सीमा खान, पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित, लक्ष्मीकांत मिश्रा, साकेत मिश्रा, श्यामलाल, प्रकाश गुप्ता, गीता यादव, विनोद पांडेय आदि शामिल रहे। ऐसे ही बसपा से प्रत्याशी जयराम सिंह भी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोके हुए हैं।

उन्होंने रामपुर, सिकहुला आदि गांवों में घर-घर जाकर लोगों के बीच नुक्कड़ सभाएं की और अपने लिए समर्थन मांगकर बसपा को मजबूत करने की अपील की। चुनाव प्रचार में इस बार खास बात यह है कि मतदाता सभी प्रत्याशियों को हाथों हाथ ले रहा है और जगह जगह स्वागत करके उन्हें जिताने का दावा कर रहा है। ऐसे में स्वागत से गदगद उम्मीदवार भी यह समझ पाने में असमर्थ हैं कि सियासत का ऊंट किस करवट बैठेगा। 

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