बिहार विधान मंडल के बजट सत्र का आज चौथा दिन है। इस दौरान विधान परिषद में रामचंद्र पूर्वे ने मांग की है कि शून्य काल में उठाए गए सवालों का त्वरित निष्पादन किया जाए। इससे पहले एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने शून्यकाल में मध्यान भोजन का सवाल उठाया था कि कई जिलों में बच्चों को स्कूलों में मध्यान्ह भोजन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। इसी क्रम में राजद के वरिष्ठ नेता रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि जो सवाल उठाए जा रहे हैं, उनका त्वरित निष्पादन होना चाहिए। इसमें 10 दिन का समय लग जाता है। इससे शून्यकाल में सवाल उठाने का कोई मतलब ही नहीं रह जाता है।
रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि अगर मध्यान्ह भोजन के सवाल का समाधान 10 दिन के बाद किया जाएगा तो फिर सवाल का कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा। यह बच्चों को भोजन देने का सवाल है, इसलिए इस पर त्वरित कार्यवाही होनी चाहिए।
कर्पूरी ठाकुर छात्रावास निर्माण की मांग
इससे पहले बिहार विधान परिषद में रामबली सिंह ने अति पिछड़ों की पढ़ाई के लिए प्रत्येक जिले में जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास निर्माण की मांग की। उन्होंने कहा कि 2007 में इससे जुड़ा निर्णय राज्य सरकार ने लिया था लेकिन कई छात्रावास सिर्फ औपचारिक रूप से संचालित क्यों हो रहे हैं? इसके जवाब में मंत्री रेणु देवी ने कहा कि बिहार में 38 जिलों में से 31 में कर्पूरी ठाकुर छात्रावास तैयार हैं। इसमें से 29 का संचालन किया जा रहा है।
रामबली सिंह ने आरोप लगाया कि 2007 की योजना 2022 में भी पूरी नहीं हो सकी। अरवल में कर्पूरी ठाकुर छात्रावास बना हुआ है, लेकिन उसमें ताला बंद है। सिर्फ बिल्डिंग बन कर रह गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी संवेदनशीलता दिखाई और सदन को बताया कि मैं 4 साल पहले कर्पूरी ठाकुर छात्रावास गया था। वहां बहुत अच्छी स्थिति मैंने देखी है। इसलिए अगर कहीं के बारे में शिकायत है तो उसको देखना चाहिए।
सदन के बाहर ही हुआ विरोध-प्रदर्शन
आज सदन की शुरुआत के पहले ही बाहर में विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर प्रदर्शन किया। माले विधायकों ने ‘रिमांड होम को जेल बनाना बंद करो’, ‘महिला आयोग का गठन करो’, ‘वैशाली में दलित लड़की के साथ बलात्कार-हत्या पर शर्म करो’ के नारे गूंजते रहे। इस बीच राजद की ओर से भी रोजगार के सवाल पर नारेबाजी की गई।