भास्कर ब्यूरो
खागा/फतेहपुर । खागा पुलिस ने अवैध असलहा फैक्ट्री का खुलासा करते हुए तीन सगे भाइयों को जेल भेजा है। जबकि जेल भेजने वाले युवकों में से एक का मानसिक रोग का इलाज चल रहा है। ऐसे में पुलिस के खुलासे पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। आरोपी युवकों के परिजन ने बताया कि पुलिस ने फर्जी तरीके से असलहा फैक्ट्री का खुलासा किया है घर से सिर्फ एक असलहा बरामद हुआ था।
खुलासे पर उठा बड़ा सवाल
पुलिस के अनुसार शुक्रवार भोर पहर गस्त के दौरान मुखबिर की सूचना पर कोतवाली एसआई राजीव कुमार सिंह ने अपने हमराहियों उपनिरीक्षक प्रवीण कुमार यादव, राजेन्द्र कुमार यादव, प्रवीण कुमार सिंह व हेडकांस्टेबल सुरेन्द्र सिंह, भरत लाल, श्यामनन्द सिंह, सुधांशु शुक्ला, राहुल यादव की संयुक्त टीम के साथ कोतवाली क्षेत्र के संग्रामपुर सानी नहर किनारे लखन सिंह के बोरबेल के पास स्थित बड़कऊ बाबा की बाग के अन्दर आकस्मिक दबिश देकर संचालित अवैध असलहा फैक्ट्री का भण्डाफोड़ करते हुए अवैध असलहे बनाते हुए तीन अभियुक्तों योगेन्द्र उर्फ ननका, महेश उर्फ महेंद्र उर्फ कुन्नी पुत्र गणेश प्रसाद, सुरेन्द्र उर्फ बीरू पुत्र गणेश प्रसाद निवासीगण संग्रामपुर सानी को गिरफ्तार किया है।
पुलिस को चुनाव में शांति ब्यवस्था बिगड़ने का खतरा
पुलिस टीम ने मौके से दो बने व दो अधबने देशी तमंचे मय जिन्दा व खोखा कारतूस के साथ असलहे बनाने के उपकरण व सामग्री भी बरामद की है। गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों के खिलाफ पुलिस ने सुसंगत धाराओ में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
घटना के बाबत आरोपियों के परिजन ने बताया कि पुलिस ने तीन दिन पूर्व भोर पहर घर मे छापा मारा था। गांव का प्रधान उनका विरोधी है जिसके इशारे पर पुलिस घर मे कूदी, महिलाओं को भी पीटा। बताया कि खागा कोतवाली का एक दरोगा गांव के प्रधान का बेहद करीबी है। घर मे सिर्फ एक अवैध असलहा था जो सुरक्षा के लिए रखा था पुलिस ने उसी की असलहा फ़ैक्ट्री बनाकर सभी को जेल दिया। बताया कि तीनो भाइयो में से महेश मानसिक रोगी है जिसे भी पुलिस जबरन उठा ले गई और जेल भेज दिया। तीनो में से दो युवकों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उनमे से एक सुरेंद्र उर्फ वीरू के दो मुकदमे हैं जिनमे एक सामान्य गाली गलौज का है जो 2011 का है और दूसरा 307 का 2020 का है।
पुलिस को चुनाव में आरोपियों से खतरा
खागा पुलिस ने तीन सगे भाइयों को असलहा फैक्ट्री के आरोप में जेल भेजा है पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि असलहों का प्रयोग चुनाव में शांति ब्यवस्था बिगाड़ने के लिए किया जा सकता है। सवाल यह उठता है कि फतेहपुर जनपद में 23 फरवरी को चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं पुलिस चुनाव से पूर्व सैकड़ो अपराधियो को जेल भेज चुकी है। अब सकुशल चुनाव सम्पन्न होने के बाद पुलिस किस चुनाव की बात कर रही है। दूसरी तरफ अगर यह इतने खूंखार अपराधी थे तो पुलिस इन्हें चुनाव से पूर्व क्यों नहीं ढूढ पाई। असलहा फैक्ट्री संचालित करने वाले आरोपी आज तक इससे पूर्व कभी आर्म्स के मामले में कभी जेल क्यों नहीं गए। ये सब सवाल पुलिस के खुलासे के सामने मुंह बाए खड़े हैं।