व्यापार, रक्षा, निवेश और नवाचार में भारत-आस्ट्रेलिया सहयोग घनिष्ठ हुआ: मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और आस्ट्रेलिया के संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और व्यापार, निवेश, रक्षा , सुरक्षा , शिक्षा , नवाचार , विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारा सहयोग घनिष्ठ हुआ है।
श्री मोदी ने सोमवार को दूसरे भारत-आस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन में अपनी आरंभिक टिप्पणी में कहा , “ पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। व्यापार, निवेश, रक्षा , सुरक्षा , शिक्षा , नवाचार , विज्ञान और प्रौद्योगिकी इन सभी क्षेत्रों में हमारा बहुत क़रीबी सहयोग है। कई अन्य क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण खनीज, जल प्रबंधन, अक्षय ऊर्जा और कोविड 19 अनुसंधान में भी हमारा सहयोग बढा है।

 

My remarks at the India-Australia virtual summit with PM @ScottMorrisonMP https://t.co/TLBmappqgI

— Narendra Modi (@narendramodi) March 21, 2022


उन्होंने कहा, “ बेंगलुरु में उभरती प्रौद्योगिकी के लिए उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की घोषणा का मैं ह्रदय से बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। साइबर और महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकी में हमारे बीच बेहतर सहयोग अनिवार्य है। हम जैसे समान मूल्यों वाले देशों की यह जिम्मेदारी है, कि इन उभरती टेक्नोलॉजीज में उचित वैश्विक मापदंड अपनाये जाएँ।”
उन्होंने कहा कि व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता ‘सीका’ पर भी बहुत कम समय में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और पूरा विश्वास है कि बाक़ी बचे मुद्दों पर भी शीघ्र सहमती बन जायेगी। ‘सीका’ का शीघ्र समाधान आर्थिक संबंधों, आर्थिक मजबूती और आर्थिक सुरक्षा के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होगा।
श्री मोदी ने कहा , “ क्वाड में भी हमारे बीच अच्छा सहयोग चल रहा है। हमारा यह सहयोग मुक्त, खुले और समावेशी हिन्द प्रशांत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए क्वाड की सफलता बहुत महत्त्वपूर्ण है।”
प्रधानमंत्री ने प्राचीन भारतीय कलाकृतियों को लौटाने की पहल के लिए आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा , “ आपने जो कलाकृतियाँ भेजी हैं, इनमें राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश इसके साथ कई अन्य भारतीय राज्यों में से अवैध तरीकों से निकाली गयी सैकड़ों वर्ष पुरानी मूर्तियाँ और चित्र हैं। और इसके लिए मैं सभी भारतवासियों की तरफ से आपका विशेष आभार व्यक्त करता हूँ।अब इनको जो आपने हमें मूर्तियां लौटाई हैं, सारी चीज़ें लौटाई हैं, उसको सही स्थान पर लौटाया जा सकेगा। मैं सभी भारतीय नागरिकों की तरफ से इस पहल के लिए आपका फिर से एक बार हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।”
प्रधानमंत्री ने कहा , “ हमारे पिछले वर्चुअल सम्मेलन के दौरान हमने अपने संबंधों को व्यापक सामरिक साझेदारी का रूप दिया था। और मुझे प्रसन्नता है कि आज हम दोनों देशों के बीच वार्षिक सम्मेलन का तंत्र स्थापित कर रहे हैं। इससे हमारे संबंधों की नियमित समीक्षा की एक व्यवस्था तैयार होगी।”

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें