अमित शुक्ला
उन्नाव। श्री बाला जी मंदिर पच्चोड्डा के छठवें वार्षिकोत्सव पर चल रही सात दिवसीय रामकथा के दूसरे दिन मंगलवार को नैमिशारण्य से पधारी कथा वाचक लक्ष्मी रामायणी ने मानव को मै से दूर रहने का आहवान किया। ब्यास गद्दी पर विराजमान कथा वाचक ने स्रोताओं पर अमृत वर्षा करते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में उल्लेख किया है कि ” नहि कोउ अस जनमा जग माही, प्रभुता पाई जाहि मद माही ” मानव को थोडा सा मान सम्मान यश बड़ाई मिलते ही वह ईश्वर को भूल संसार मे रम जाता है और तरह तरह के गलत कार्य करने लगता है। समाज मे समस्त जीवों की यही दशा है
जबकि मनुष्य का एकमात्र उद्देश्य भगवान की भक्ति होना चाहिये। ईश्वर की उपासना के साथ मानव को राष्ट्र हित, समाज सेवा, गौ रक्षा, असहाय और गरीब की सेवा कर पुण्य का भागीदार बनना चाहिये। अपनी कथा को आगे बढ़ाते हुये रामायणी ने सती चरित्र व शिव विवाह का सुंदर व्रतांत सुनाते हुए कहा कि सती कथा के बिना राम कथा अधूरी है। दिन भर चली संगीत मय राम कथा का स्रोताओं ने जमकर आनन्द उठाया।
इस मौके पर मोहन, मुरारी द्विवेदी, रज्जन पांडेय, रामकुमार यादव, लल्लन यादव, मनोरमा मिश्रा, लाला अग्निहोत्री, रौनक मिश्रा, चन्द्रशेखर शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे। मंदिर महंत वीरेंद्र द्विवेदी ने बताया कि बुधवार को बंगरा वाले परम् पूज्य छोटे महाराज की मौजूदगी में धर्मिकनुष्ठान होंगे।