लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन से तनाव बढ़ने के बाद से भारत में चीनी ऐप्स और कंपनियों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
सरकार ने जहां सैकड़ों चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया, वहीं कई चीनी कंपनियों के खिलाफ वित्तीय अनिमितताओं की जांच शुरू कर दी है।
वर्तमान में टेलीकम्युनिकेशन (दूरसंचार) उपकरण बनाने वाली ZTE, हुवाई और वीवो कंपनी जांच के दायरे में है।
आइये जानते हैं किन चीनी कंपनियों के खिलाफ जांच चल रही है।
लाभ के बाद भी नुकसान दिखाने को लेकर जांच के दायरे में है ZTE
वैश्विक टेलीकम्युनिकेशन उपकरण और सिस्टम कंपनी ZTE कॉर्पोरेशन चीन की अग्रणी कंपनी है। इसका मुख्यालय ग्वांगडोंग के शेन्जेन में है। वर्तमान में यह कंपनी टैक्स चोरी की मामले में जांच के दायरे में चल रही है।
वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि कंपनी के बिक्री बिलों की तुलना में आयात बिलों की जांच से पता चलता है कि उपकरण के व्यापार पर कंपनी ने 30 प्रतिशत लाभ कमाया था, लेकिन कंपनी ने भारी नुकसान दिखाया था।
आयकर विभाग ने 2021 में की थी कार्रवाई
मामले में आयकर विभाग के अधिकारियों ने अगस्त 2021 में कंपनी के गुड़गांव स्थित कॉर्पोरेट कार्यालयों और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के घरों पर छापेमारी करते हुए बड़ी कार्रवाई की थी।
उस दौरान कंपनी के विदेशी निदेशक, सचिव, अकाउंटेंट आदि के घरों पर छापा मारकर आवश्यक दस्तावेज जब्त किए गए थे।
विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि कंपनी ने घाटा दिखाने के लिए फर्जी खर्चें दिखाए थे और राशि को चीन भेज दिया था।
टैक्स चोरी के मामले में जांच का सामना कर रही है हुवाई
चीनी कंपनी हुवाई भी टैक्स चोरी के मामले में जांच का सामना कर रही है। इस साल 16 फरवरी को आयकर विभाग के अधिकारियों ने कंपनी के दिल्ली, गुरुग्राम और बेंगलुरु में स्थित कंपनी के कई कार्यालयों पर छापेमारी की थी।
अधिकारियों ने कंपनी के वित्तीय दस्तावेजों, बैंक खातों और अन्य रिकॉर्ड को जब्त कर उसकी जांच की थी। उस दौरान अधिकारियों ने कंपनी के सहयोगियों, ग्राहकों और भागीदारों की एक सूची भी तैयार की थी।
कंपनी ने कही थी कानून का पालन करने की बात
आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद कंपनी की ओर से कहा गया था कि वह भारत में कानूनों का दृढ़ता से पालन कर रही है। कंपनी को विश्वास है कि भारत में उसके संचालन सभी कानूनों और विनियमों के अनुरूप हैं। वह अधिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी विभागों से संपर्क करेगी और नियमों और विनियमों के अनुसार पूरी तरह से सहयोग करते हुए सही प्रक्रिया का पालन करेगी। उसके बाद से ही कंपनी जांच के दायरे में है।
शाओमी के खिलाफ FEMA के तहत की जा रही है कार्रवाई
चीनी स्मार्टफोन कंपनी शाओमी भी देश में टैक्स चोरी और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 के प्रावधानों के उल्लंघन के तहत कार्रवाई का सामना कर रही है।
मामले में आयकर विभाग ने जहां 12 मई को कंपनी के स्थानीय बैंक खातों में 478 मिलियन डॉलर की राशि को सीज कर दिया था, वहीं 30 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने FEMA के उल्लंघन के तहत कंपनी की 5,551.27 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी।
शाओमी के खिलाफ क्या है मामला?
शाओमी ने साल 2014 में भारत में अपना कारोबार शुरू किया था। इसके बाद कंपनी ने 2015 से अवैध तरीके से भारत से बाहर पैसा भेजना शुरू कर दिया।
कंपनी ने तीन विदेशी कंपनियों को 5551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा भेजी थी। इनमें रॉयल्टी की आड़ में एक शाओमी समूह इकाई भी शामिल है।
अधिकारियों का दावा था कंपनी ने रॉयल्टी की आड़ में भारत में कमाई रकम विदेश भेजकर FEMA की धारा चार का उल्लंघन किया है।
टैक्स चोरी के मामले में वनप्लस भी झेल रही है कार्रवाई
चीनी स्मार्टफोन्स कंपनी वनप्लस भी भारत में टैक्स चोरी के मामले में कार्रवाई का सामना कर रही है। आयकर विभाग की टीम ने इस मामले में दिसंबर 2021 में कई चीनी कंपनियों के यहां छापेमारी की थी।
विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद में शाओमी, ओप्पो और वनप्लस के कार्यालयों में छापेमारी की थी।
बता दें वनप्लस का ओप्पो में विलय हो गया है, लेकिन यह एक अलग ब्रांड के रूप में काम करती है।
चीनी कंपनियों के खिलाफ बेहद सख्त रहा है सरकार का रुख
बता दें कि गलवान घाटी हिंसा के बाद भारत ने चीन को आर्थिक झटका देने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं।
सरकार ने सुरक्षा को खतरा बताते हुए अब तक 321 चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। इनमें 54 ऐप्स पर तो फरवरी में ही प्रतिबंध लगाया गया था।
इसी तरह सरकार ने देश में संचालित चीनी कंपनियों के खिलाफ भी टैक्स चोरी सहित अन्य मामलों में जांच शुरू कर रखी है। यह चीन के लिए झटका है।