पांच दिन का दीपोत्सव का त्यौहार 22 अक्टूबर यानि कि धनतेरस से शुरू हो जाएगा। कहते है दीपावली ऐसा त्योहार है जो हर किसी के घर रौनक लाता है घर की रोजी रोटी को चलाता है। दिपावाली पर दीपकों का विशेष महत्व है। धनतेरस से ही दीपोत्सव के दौरान मिट्टी के दीपक जलाने चाहिए। चायनीज लाइटों का भी बहुत क्रेज देखा जाता है लेकिन पौराणिक मान्यताओं के अनुसार घर में मिट्टी के दीपक ही जलाने चाहिए।
भगवान राम जब रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए थे। मिट्टी के दीपक जलाकर ही भगवान राम का स्वागत किया। वेदों के अनुसार दीपक प्रज्वलित करने से देवताओं की ऊर्जा का तेज प्राप्त होता है।
इसके साथ ही मिट्टी को मंगल ग्रह का और तेल को शनि का प्रतीक माना जाता है। मंगल साहस, पराक्रम में वृद्धि करता है और शनि को न्याय और भाग्य का देवता कहा जाता है।
मिट्टी का दीपक जलाने से दोनों देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही दीपक जलाने से आपका घर और कुम्हारों का घर रौशन होता है।