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उपनिबन्धक कार्यालयों को आपस में लिंक करने पर सरधना के अधिवक्ताओं में आक्रोश 

भास्कर समाचार सेवा

मेरठ। मेरठ के चारों उपनिबन्धक कार्यालयों को आपस में जोड़ने को लेकर सरधना तहसील के नाराज वकीलों ने तहसील के उपनिबंधक कार्यालय में ताला जड़कर जोरदार विरोध किया। और सरकार से अपना फैसला वापस लेने की मांग की गयी। 

सरकार के फैसले के बाद मेरठ के चारों उपनिबन्धक कार्यालयों को आपस लिंक कर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। मेरठ की तहसील, सरधना व तहसील मवाना स्थित उपनिबन्धक कार्यालयों को जिला स्तर मेरठ के उपनिबन्धक कार्यालयों के साथ जोड़ते हुए आपस में लिंक करने हेतु प्रक्रिया की जा रही है। जिसकी खबर मिलते ही सरधना के अधिवक्ताओं में उबाल आ गया। अधिवक्ताओं ने एकत्रित होकर प्रदेश सरकार के इस फैसले का विरोध जताते हुए सरधना उप निबन्धक कार्यालय के समक्ष अपने गुस्से का इजहार करते हुए कार्यालय  पर ताला जड़ दिया।

अधिवक्ताओं का कहना है कि जनपद मेरठ की तहसील सरधना के उपनिबन्ध कार्यालय को अन्य उपनिबन्धक कार्यालय से जोडे/लिंक किये जाने पर तहसील सरधना में कार्यरत सभी अधिवक्तागण व दस्तावेज लेखकगण प्रभावित होगे। तहसील सरधना में कार्यरत अधिवक्तागण व दस्तावेज लेखक पहले से ही कार्य कम होने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर है तथा उक्त लिंक को किये जाने पर अधिवक्तागण व दस्तावेज लेखकगण को और अधिक क्षति पहुंचने की प्रबल सम्भावना है।

तहसील स्तर का कार्य तहसील स्तर के ही उपनिबन्धक कार्यालय पर निष्पादित हो, जिसके लिये उक्त लिंक को रोकने के आदेश पारित किया जाना अति आवश्यक है। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष कुलदीप त्यागी, महामंत्री एडवोकेट जियाउर्रहमान, नितिन चांदना, राकेश त्यागी, सतवीर सिंह, वेदपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह, प्रमोद प्रधान, वीरेंद्र सैनी, सोहित त्यागी, जगपाल सोम, सत्यवीर सिंह, पदम् दीक्षित, कुलदीप शर्मा, पवन शर्मा, मोहित गुप्ता, सचिन गर्ग, मनोज ठाकुर, संजीव पंवार, प्रदीप चौहान, दीन मोहम्मद, नफीस अहमद, अमित कुमार, सुनील कुमार उपाध्याय उपस्थित रहे। 

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