ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल में कुल 4 अबूझ मुहूर्त होते हैं। इनमें आखा तीज, देवउठनी एकादशी, बसंत पंचमी और भड़मी नवमी। यानी इन चार मौकों पर मुहूर्त न होते हुए भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि किए जा सकते हैं। इस बार भी देवउठनी एकादशी पर ऐसा ही हो रहा है। इस बार 4 नवंबर, मंगलवार को देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया गया। आमतौर पर इस दिन से विवाह आदि शुभ कार्यों पर लगी रोक हट जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। आगे जानिए ऐसा क्यों होगा और साल 2022 व 2023 के शुभ मुहूर्त के बारे में…
शुक्र अस्त होने से मांगलिक कार्यों पर रोक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह आदि शुभ कार्यों के लिए शुक्र का उदय होना जरूरी है, लेकिन वर्तमान में ये ग्रह अस्त है जो 26 नवंबर को पश्चिम दिशा में उदय होगा। शुक्र के उदय होने के बाद ही मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हटेगी। इसके बाद 16 दिसंबर तक विवाह के कुल 12 शुभ मुहूर्त रहेंगे। 16 दिसंबर से धनु मास शुरू हो जाएगा, जिसके चलते एक बार फिर विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी।
साल 2023 में विवाह के 59 मुहूर्त (Vivah Muhurat 2023)
ज्योतिषियों के अनुसार साल 2023 में विवाह के लिए कुल 59 शुभ मुहूर्त हैं। इनमें से जनवरी में 9, फरवरी में, 13, मई में 14, जून में 11, नवंबर में 5 और दिसंबर में 7 विवाह मुहूर्त हैं। मार्च और अप्रैल में पहले होलाष्टक और बाद में धनु मास होने के चलते विवाह आदि शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। इसके बाद जून में चातुर्मास शुरू होने से नवंबर में मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त निकल पाएंगे।
साल 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त (Vivah Muhurat 2022)
नवंबर- 26, 27, 28
दिसंबर- 2, 3, 4, 7, 8, 9, 13, 14, 15
साल 2023 में विवाह के शुभ मुहूर्त (Vivah Date 2023)
जनवरी- 15, 16, 18, 19, 25, 26, 27, 30, 31
फरवरी- 6, 7, 8, 9 10, 12, 13, 14, 15, 17, 22 23, 28
मई- 4, 6, 8, 9, 10, 11, 15, 16, 20, 21, 22, 27, 29, 30
जून- 1, 3, 5, 6, 7, 11, 12, 23, 24, 26, 27
नवंबर- 23, 24, 27, 28, 29
दिसंबर- 5, 6, 7 8, 9, 11, 15