सनातन परंपरा में प्रत्येक दिन किसी न किसी तीज-त्योहार को लिए या फिर किसी देवी-देवता के व्रत पूजा के लिए जाना जाता है. यही कारण है कि साल का हर महीना किसी न किसी पर्व की उमंग को लिए रहता है. अग्रेजी महीने के अनुसार साल के आखिरी महीने दिसंबर में गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी, गुरु गोविंद सिंह जयंती और क्रिसमस जैसे कई पर्व पड़ेंगे. दिसंबर महीने में कब कौन सा पर्व पड़ेगा और उसका क्या कुछ महत्व है, आइए सभी व्रत, उत्सव आदि के बारे में विसतार से जानते हैं.
दिसंबर महीने में कब पड़ेगी एकादशी
हिंदू धर्म में भगवान श्री विष्णु की पूजा के लिए एकादशी तिथि को अत्यंत ही शुभ और पुण्यदायी माना गया है. पंचांग के अनुसार दिसंबर महीने की 3 तारीख को पहला एकादशी व्रत यानि मोक्षदा एकादशी और 19 नवंबर 2022 को सफला एकादशी व्रत रखा जाएगा. मान्यता है कि इस व्रत को विधि-विधान से रखने पर व्यक्ति को मनचाहा वरदान मिलता है. भगवान विष्णु का यह व्रत व्यक्ति के सभी मनोरथ सिद्ध करने वाला माना गया है.
दिसंबर महीने में कब पड़ेगा प्रदोष व्रत
भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष व्रत एवं प्रदोष काल दोनों ही बहुत शुभ और फलदायी माने गए हैं. पंचांग के अनुसार साल के आखिरी महीने में 05 दिसंबर 2022 को पहला प्रदोष व्रत और 21 दिसंबर 2022 को साल का आखिरी प्रदोष व्रत पड़ेगा. हिंदू मान्यता के अनुसार महादेव के लिए रखे जाने वाले इस व्रत को विधि-विधान से करने पर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं.
दिसंबर महीने में कब पड़ेगी पूर्णिमा
पंचांग के अनुसार शुक्लपक्ष की पंंद्रहवीं तिथि को पूर्णिमा कहते हैं. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के दौरान शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा 07 दिसंबर 2022 को पड़ेगी. मान्यता है कि इस दिन स्नान-दान और जप-तप करने का बहुत ज्यादा महत्व है. पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने पर व्यक्ति के जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती.
दिसंबंर महीने में कब पड़ेगी अमावस्या
पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्णपक्ष में पड़ने वाली पंद्रहवी तिथि को अमावस्या तिथि माना गया है. हिंदू धर्म में इस तिथि को पूजा-पाठ और पितरों के तर्पण आदि के लिए अत्यंत ही फलदायी माना गया है. पंचांग के अनुसार दिसंबर महीने में पौष मास की अमावस्या 23 दिसंबर 2022 को पड़ेगी.
- 3 दिसंबर गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी
- 4 दिसंबर मत्स्य द्वादशी, गुरुवायुर जयंती
- 5 दिसंबर हनुमान जयंती (कर्नाटक में), प्रदोष व्रत
- 6 दिसंबर कार्तिगई दीपम
- 7 दिसंबर दत्तात्रेय जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत
- 8 दिसंबर अन्नपूर्णा जयंती, भैरवी जयंती, रोहिणी व्रत
- 9 दिसंबर पौष माह आरंभ
- 11 दिसंबर संकष्टी चतुर्थी व्रत
- 16 दिसंबर धनु संक्रान्ति, कालाष्टमी
- 19 दिसंबर सफला एकादशी व्रत
- 21 दिसंबर प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
- 23 दिसंबर पौष माह की अमावस्या
- 24 दिसंबर चंद्र दर्शन
- 26 दिसंबर विनायक चतुर्थी
- 27 दिसंबर मंडला पूजा (मलयाली पर्व)
- 28 दिसंबर स्कन्द षष्टी
- 29 दिसंबर गुरु गोबिंद सिंह जयंती
- 30 दिसंबर मासिक दुर्गाष्टमी