एक किसान की हठधर्मिता के कारण हजारों किसान व नागरिक परेशान


8 वर्ष शेरों का बड़ा है पुल के निर्माण का कार्य

भास्कर समाचार सेवा


रायपुर सादात। ग्राम नरूलापुर व गढ़ी गांवड़ी के बीच करोड़ों की लागत से बनाए जा रहे पुल के निर्माण पर अदालत का स्टे आने के बाद करीब 8 वर्षों से पुल का निर्माण अधर में लटका हुआ है।
मात्र एक कृषक की आधा बीघा कृषि भूमि पुल के अंतिम छोर पर निर्माण में आ रही थी। पुल का निर्माण अधर में लटक जाने से करीब आधा दर्जन ग्रामों की हजारों की आबादी तथा कृषकों को यातायात की समस्या से जूझना पड़ रहा है। पुल का निर्माण हो जाने से बढ़ापुर से रायपुर आने की दूरी मात्र 12 किलोमीटर है यदि नगीना से होकर रायपुर आया जाए तो 28 किलोमीटर की दूरी बढ़ापुर क्षेत्र के लोगों को तय करनी पड़ेगी। करीब 8 वर्ष पूर्व रायपुर सादात व बढ़ापुर के बीच ग्राम नरूलापुर से आगे सादात पुर गढ़ी के बीच में खो नदी पर पुल का निर्माण 8 वर्ष पूर्व शुरू किया गया था। उनके पांच पिलर बनकर तैयार होकर उन पर लेंटर भी पड़ गया था ।पुल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए अंतिम पिलर बनाया जा रहा था। जिसके पूरा होते ही पिलर की दोनों और दो दरों का लेंटर पड़ जाने के बाद क्षेत्र की जनता का आवागमन के लिए पुल को खोल दिया जाता लेकिन एक जितेंद्र नामक कृषक व्यक्ति जो हरिद्वार जनपद का रहने वाला है की हठधर्मिता के कारण 8 वर्ष से रुका हुआ है। उसकी करीब 65 बीघा भूमि के एक छोर की आधा बीघा भूमि का हिस्सा पुल के निर्माण में आ जाने से कृषक ने पुल के निर्माण पर अदालत के स्टे के बाद रोक लगवा दी थी। पुल को नदी पर बनाया जा रहा था। खोनदी बरसात में विकराल रूप धारण कर लेती है। जिससे ग्राम गढ़ी, गावड़ी, इसलामगढ़, अनूप नगर आदि ग्रामों के लोगों का रायपुर सादात होकर नजीबाबाद शहर जाना बंद हो जाता है। करोड़ों की लागत से बनाए जा रहे पुल का निर्माण अधर में लटक जाने से खो नदी के उस पार के किसानों के लिए भी अपना गन्ना ग्राम नरूला पुर मैं चीनी मिल के क्रय केंद्र पर लाना मुश्किल हो जाता है। नरूलापुर में सहकारी चीनी मिल का गन्ना क्रय केंद्र है । यहां पर दो गन्ना क्रय केंद्र है। पुल के पूरब दिशा से ग्राम गढ़ी, गांव डी शाह अलीपुर आदि ग्रामों का गन्ना आता है। उन किसानों के लिए पुल का निर्माण रुक जाने से भारी परेशानी हो रही है। क्षेत्र की जनता ने इसी रास्ते से आने जाने के लिए जो पुल का एक पिलर अधर में लटक गया था उस हिस्से की भूमि को पाटने के लिए आपस में लाखों रुपए का चंदा करके कच्ची मिट्टी का भराव किया तब इसी पुल के रास्ते से आना-जाना शुरू किया। वह भी पैदल या मोटरसाइकिल का रास्ता ही बन पाया।अस्थाई इस रास्ते में भी क्षेत्र की जनता का साथ किसी ने नहीं दिया ।बरसात के मौसम में यह मिट्टी का भराव पानी से कट जाता है। क्षेत्र की जनता को नए सिरे से फिर से मिट्टी डालने के लिए चंदा एकत्रित करना पड़ता है। उधर ग्राम नरूलापुर निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य तथा वर्तमान में चीनी मिल के डायरेक्टर पितांबर सिंह ने बताया कि जिस खो नदी के स्थान पर पुल निर्माण किया जा रहा है वह जनता के लिए बेहद जरूरी है और यह नदी रामगंगा में जाकर मिलती है। इस पुल की समस्या को लेकर उन्होंने पुल के निर्माण की समस्या को जनपद के उच्चाधिकारियों के समक्ष कई बार उठाया लेकिन कोई समस्या का हल नहीं निकला। उन्होंने कहा कि यदि इस पुल का निर्माण पूरा हो जाए तो हजारों लोगों को फायदा होगा। वहीं दूसरी ओर सरकार को भी लाखों रुपए के राजस्व का फायदा होना तय है तथा दूसरी और बढ़ापुर से रायपुर सादात होते हुए नजीबाबाद जाना जनता के लिए आसान हो जाएगा। सरकार की इस कल्याणकारी योजना का लाभ क्षेत्र की जनता को मिले इस पर उच्चाधिकारियों को समय रहते संज्ञान लेना चाहिए।

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