बहराइच l भारत देश संस्कृतियों एवं धर्मों का देश है यहां पर देवी देवताओं की पूजा एवं पेड़ पौधों की भी पूजा की जाती है | आध्यात्मिक महत्व के नाते जेठ महीने की अमावस्या तिथि को भारत देश में वट वृक्ष की पूजा सुहागिन औरतें अपने पति के दीर्घायु के लिए एवं सौहार्दपूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए पूजा करती है तथा वट वृक्ष की पूजा साल में एक बार की जाती है इस पूजन के लिए सुहागिन औरतें नए-नए कपड़े पहन कर और सोने चांदी के जेवरातों से सज धज कर वट वृक्ष की पूजा करने के लिए समूह में निकलती हैं और वट वृक्ष के नीचे पहुंचकर सुहागिन औरतें साथ में पूरी पकवान बना करके जो लाती हैं उसी से वट वृक्ष पेड़ के नीचे पूजा एवं हवन भी किया जाता है ।
सात बार वट वृक्ष को घूम कर सफेद सूती कच्चे धागे से बांधा भी जाता है ताकि सुहाग सुरक्षित रहे और दीर्घायु रहें l वट वृक्ष की पूजा सत्यवान सावित्री के समय से ही चलती चली आ रही है जिसकी आने वाली पीढ़ियां एवं वर्तमान पीढ़ियां बराबर अनुसरण कर रही हैं l इसी के तहत पयागपुर क्षेत्र अंतर्गत कस्बों एवं विभिन्न ग्रामीण अंचलों में बड़ी संख्या में सुहागिन औरतें आज के दिन वट वृक्ष की पूजा बड़े तन मन धन के साथ करती हैं ताकि सुहागिन औरतों का सुहाग सलामत रहे l इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे मौजूद रहे l