फतेहपुर : भीषण गर्मी में गौवंशों की स्थिति दयनीय

दैनिक भास्कर ब्यूरो

अमौली/फतेहपुर । सरकार द्वारा गौवंशों को संरक्षित रखने के लिए प्रत्येक जिले में गौशालाओं का निर्माण कराकर उनके खान पान की व्यवस्था के लिए शासन द्वारा करोड़ो का बजट भी अवमुक्त किया जा रहा है।लेकिन जिम्मेदारों की मनमानी व खाऊ कमाऊ नीतियों के चलते गौवंशों के खान पान की व्यवस्था के लिए अवमुक्त बजट का आपस में बंदर बाट कर कागजी आकड़ो तक ही सीमित कर दिया जाता है जिससे गौशालाओं में गौवंशों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। गौशाला में कैद मवेशी भूख और गर्मी की तपन से तड़प रहे हैं-!

   ऐसा ही एक मामला अमौली विकास खण्ड की मवई धाम ग्राम पंचायत का प्रकाश में आया है जहाँ मवेशियों को गर्मी की तपस से सुरक्षित रखने के लिए न तो कोई समुचित व्यवस्था है और न ही खाने के लिए हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था है जिसकी वजह से गौवंश भूख से व्याकुल होकर कंकाल में तब्दील हो रहे हैं जिसके बावजूद भी जिम्मेदारो के कानो में गौशाला में व्याप्त अनियमितताओ को दूर करने के लिए कानो में जू नही रेंगी।

मवई धाम गौशाला में दैनिक भास्कर संवाददाता ने शनिवार को देखा तो गौशाला खाली मिली जहाँ एक भी गौवंश मौजूद नही मिला। गौशाला में उपस्थित कर्मचारी लोट्टन ने बताया कि गौशाला में 118 गौवंश है जिन्हें चराने के लिए जंगल ले जाया गया है। वहीँ गौवंशों को खान पान की व्यवस्था पर गौर किया जाये तो गौशाला में गौवंशों को समुचित व्यवस्था न करके केवल कागजो में पेट भरा दिखाकर अवमुक्त बजट का केवल बंदर बाट किया जा रहा है।

ग्रामीणों ने गौशाला में कैद गौवंशों की समुचित देखभाल न करने का आरोप लगाते हुए बताया कि यही आलम रहा तो गौवंश एक एक कर भूख प्यास से व्याकुल होकर कंकाल में तब्दील होकर मौत की आगोश में समा जायेंगे। ग्रामीणों ने गौवंशों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव समेत विकास खण्ड स्तरीय अधिकारियों को भी दोषी ठहराते हुए जमकर अपनी भड़ास निकालते हुए जिम्मेदारों की कथनी और करनी में बड़ा फर्क बताया है। इस बाबत खण्ड विकास अधिकारी विपुल विक्रम सिंह ने बताया कि गौशाला में जितनी भी गाय है उनको सुबह चराने के लिए ले जाया जाता है। गर्मियों को लेकर पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।

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