
दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। विद्युत डिवीजन पूरनपुर में कई वर्षों से भ्रष्ट कर्मचारी डेरा जमाये है। उच्चाधिकारियों के संरक्षण में भष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। पूरनपुर डिवीजन कार्यालय भ्रष्टाचार का केन्द्र बन गया है, तबादला नीति दम तोड़ रही है और पिछले बीस वर्षों से एक ही कर्मचारी तैनात है। विभागीय अधिकारी से साठगांठ कर कर्मचारी चांदी काटने काम कर रहे है और बिजली बिल कम करने के बाद नाम पर अवैध वसूली चरम सीमा पर है। योगी आदित्यनाथ की सरकार स्थानांतरण नीति के तहत सिर्फ जिले पर तीन और मण्डल में सात वर्ष तैनात रहने की अनुमति देती है मगर पूरनपुर में इन नियमों को ताक पर रखने के बाद भ्रष्टाचार को पालने का काम किया गया है।
तबादला नीति की धज्जियां उड़ा रहा विद्युत विभाग
सिर्फ आदेशों में अधिकारी व कर्मचारियों का स्थानांतरण जिले में 3 साल और मंडल साल रहने का है। जिसके बावजूद भी अधिकारी व कर्मचारी अपने उच्च अधिकारियों से सांठगांठ कर कई वर्षों से डेरा डाले है। उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से कई वर्षों से विद्युत कर्मचारी पूरनपुर विद्युत डिवीजन चर्चा का विषय बना हुआ हैं। लेकिन उच्च अधिकारी नियमों को भूलकर निजी स्वार्थ की पूर्ति में लगे है। इसके चलते ही नटवर लाल कर्मचारी की आधी नौकरी पूरनपुर में होने को आई है। इतना ही नहीं कई संविदा कर्मचारी और प्राइवेट कर्मी लगाकर भ्रष्टाचार को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है और विद्युत विभाग में चल रही अंधेर नगरी की व्यवस्था को सीसीटीवी कैमरों में किसी भी समय देखा जा रहा है।
ईई विद्युत प्रशांत कुमार गुप्ता का बयान
पूरनपुर में इस बार स्थानांतरण नीति में जो पुराने कर्मचारी है उन सब की लिस्ट तैयार करके शासन को भेजी जायेगी। नियमों को अनदेखा नहीं किया जायेगा।