पीलीभीत। ग्राम पंचायत में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए प्रदेश सरकार की योजना को अधिकारी ही पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। एक ओर जहां ग्राम पंचायत से सफाई कर्मचारियों को वेतन के रूप में मोटी रकम दी जाती है, वहीं दूसरी ओर सफाई कर्मचारी ग्राम पंचायत न पहुंचकर अधिकारियों की निजी नौकरी करके मौज उड़ा रहे हैं।
विकासखंड मरौरी की ग्राम पंचायत सहजना में तैनात सफाई कर्मचारी बृजेश पिछले 5 सालों से अधिकारियों की चाकरी में ग्राम पंचायत को पूरी तरह भूल चुका है। एसडीएम की चाकरी में लगा सफाई कर्मचारी विभागीय अधिकारियों को ठेगा दिखाते हुए मूल ग्राम पंचायत से भारी भरकम धनराशि वेतन के रूप में 39 हजार रुपए पाता है,
लेकिन काम की बात करें तो ग्राम पंचायत में कई साल बीत जाने के बाद भी नहीं पहुंचा। सफाई कर्मचारी बृजेश भारती की मूल ग्राम पंचायत सहजना है, लेकिन बिना किसी आदेश के बीसलपुर में एसडीएम का अर्दली बनकर कर्मचारियों पर रौब झड़ता है। इतना ही नहीं मूल तैनाती को भूल चुके सफाई के वेतन की व्यवस्था स्वयं अधिकारी कराते है और कर्मचारी अर्दली बनकर एसडीएम साहब के साथ गाड़ी में सफर करता है। प्रकरण सामने आने के बाद अधिकारी कार्रवाई की बात कह रहे हैं। फिलहाल उच्च न्यायालय के आदेश को भी अधिकारी मानने को तैयार नहीं है और ग्राम पंचायत से हर माह 39 हजार का वेतन कर्मचारी के बैंक खाते में सीधे पहुंच रहा है।
इंसेट बयान- सतीश कुमार डीपीआरओ।
ऑफिस से ऐसा कोई आदेश नहीं किया गया है, जांच कराई जाएगी। अगर ऐसा है तो सफाई कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।