पीलीभीत। नाबालिग के हुए अपहरण के मामले में 10 दिन बाद सुराग न लगने पर बच्ची की मां ने सूबे के मुख्यमंत्री सहित डीजीपी और राष्ट्रीय महिला आयोग से न्याय की गुहार लगाई है। गायब किशोरी की दस दिन में बरामदगी न होने पर एसपी कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है, साथ ही राष्ट्रपति से परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग की गई है। वहीं पुलिस कई एंगिल से जांच कर रही और बच्ची को तलाश करने में जुटी है। थाना बिलसंडा क्षेत्र के पहाड़गंज गांव की रहने वाली मीत बेगम ने थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा है कि 8 जनवरी को उसकी गैर मौजूदगी में गांव के रहने वाले शरीफ खां उर्फ कल्लू की बेटी नाजिया व सरताज उसके घर आई और उसकी नाबालिग बेटी खुशी को चारा लेने की बात कहकर अपने घर बुलाकर ले गई। जहां से दोनो लड़कियों ने उसकी बेटी की फोन से गांव के रहने वाले हफीज खां के बेटे मासूम खां से बात कराई। पीड़िता का आरोप है उसी दिन से मासूम खां और उसके परिवार ने बेटी खुशी का अपहरण कर लिया।
पीड़िता का कहना यह भी जब उसने अपनी बेटी मांगी तो आरोपित लोग बहाने बाजी करते रहे। जिसके बाद पीड़िता की शिकायत पर थाना बिलसंडा पुलिस ने 11 जनवरी को मासूम खां और उसके परिवार वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की, वहीं दस दिन तक नाबालिग का सुराग न लगने पर पीड़िता ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय महिला आयोग से उसकी बेटी को बरामद करने की गुहार लगाई है। साथ ही चेतावनी दी है अगर 10 दिन के अंदर उसकी बेटी बरामद नहीं होती है तो वह एसपी कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठ जाएगी, साथ ही पीड़िता ने पत्र में महामहिम से परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग की है। पुलिस कई एंगिल पर जांच कर रही है और नाबालिग की बरामदगी के लिए संभावित जगहों पर ताबड़तोड़ दबिश दे रही है।
इंसेट बयान – अनिल कुमार यादव अपर पुलिस अधीक्षक।
प्रकरण की मुझे कोई जानकारी नहीं है, अगर थाना पुलिस ने मुकदमा लिखा है तो लड़की को भी बरामद किया जाएगा।