हरिद्वार। सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने जूना अखाड़े के ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा को श्रद्धासुमन अर्पित किए। जगजीतपुर स्थित पायलट बाबा आश्रम में पायलट बाबा की मुख्य शिष्या एवं आश्रम की अध्यक्ष महामंडलेश्वर केको आइकावा (योगमाता कैवल्यानंद) महाराज की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महायोगी पायलट बाबा संत समाज की दिव्य विभूति थे।
ब्रह्मलीन पायलट बाबा के दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि महादेव के अंशावतार ब्रह्मलीन पायलट बाबा विद्वान संत थे। महंत हरिगिरी ने कहा कि जूना अखाड़े और संत समाज को पूरा विश्वास है कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा की शिष्या और आश्रम की अध्यक्ष महामंडलेश्वर केको आइकावा, महामंत्री महामंडलेश्वर साध्वी चेतनानंद गिरी व महामंडलेश्वर साध्वी श्रद्धा गिरी अपने गुरूदेव की सेवा परंपरा को विस्तार देंगी।
आह्वान पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरूण गिरी ने कहा कि ब्रह्मलीन महायोगी पायलट बाबा ने समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने में अहम योगदान दिया। जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी, महंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि पायलट बाबा के जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी व नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने कहा कि संत महापुरूष केवल शरीर त्यागते हैं। उनकी शिक्षाएं सदैव समाज मार्गदर्शन करती हैं।
पायलट बाबा की प्रमुख शिष्या व आश्रम की अध्यक्ष केको आईकावा, महामंत्री साध्वी चेतनानंद गिरी व महामंत्री साध्वी श्रद्धा गिरी ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त किया। आश्रम की अध्यक्ष केको आइकावा (योगमाता कैवल्यानंद) ने कहा गुरूदेव की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उनकी योग शिक्षाओं और आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। महामंडलेश्वर शैलेषानंद गिरी, स्वामी मुक्तानंद, स्वामी प्रेमानंद, महंत महेश्वरपुरी, महंत महाकाल गिरी एवं महंत शैलेंद्र गिरी ने फूलमाला पहनाकर सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया।