विकासनगर। चकराता ब्लॉक के ग्राम पंचायत मुंधोल में लाखों के गबन मामले में ब्लॉक के राजकर्मियों के दोषी पाए जाने के बावजूद सिर्फ प्रधान पर कार्यवाही किया जाना हैरानी भरा है, जबकि जांच अधिकारी सहायक परियोजना निदेशक डीआरडीए की जांच आख्या के निष्कर्ष में तत्कालीन प्रधान के साथ ही ग्राम पंचायत अधिकारी, अवर अभियंता, बीएफटी और खंड विकास अधिकारी के विरुद्ध भी आवश्यक दंडात्मक कार्यवाही की संस्तुति की गई थी।
ग्रामीणों ने करीब 42 लाख के गबन की शिकायत 30 अगस्त 2017 को जिलाधिकारी से की थी। जिस पर 18 मई 2018 और 19 मई 2018 को एडीओ पंचायत ने मौके पर जाकर जांच की। जांच में भारी अनियमितता प्रकाश में आए। कई निर्माण कार्य धरातल पर नहीं मिले। वहीं 26 अप्रैल 2019 को जांच अधिकारी विक्रम सिंह सहायक परियोजना निदेशक डीआरडीए ने भी स्थलीय जांच की। जांच में ग्राम स्तर पर बिना कार्य किए धन आहरण, शासकीय धन के गबन, फर्जी रिपोर्टिंग की बात सिद्ध हुई।
उन्होंने अपनी जांच आख्या के निष्कर्ष में तत्कालीन प्रधान समेत ग्राम विकास अधिकारी, बीएफटी, अवर अभियंता और बीडीओ के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की संस्तुति मुख्य विकास अधिकारी के साथ ही जिला विकास अधिकारी से की थी, लेकिन जिला विकास अधिकारी द्वारा 21 दिसंबर 2019 को जिला पंचायत राज अधिकारी को भेजे पत्र में सिर्फ प्रधान के खिलाफ डीपीआरओ स्तर से कार्रवाई होने की बात कही गई है। मामले में जिला विकास अधिकारी प्रदीप कुमार पांडे से बात नहीं हो पाई। संपर्क होने पर उनका पक्ष रखा जाएगा।
जांच में ही लगा दिए 21 माह
सिर्फ जांच करने में ही अधिकारियों ने 21 माह लगा दिए। ग्रामीणों की शिकायत पर पहले एडीओ पंचायत और फिर सहायक परियोजना निदेशक डीआरडीए ने जांच की। दोनों ही जांचों में में आरोप सिद्ध हुए। जिस पर डीएम द्वारा प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। अब 21 दिसंबर 2019 को डीडीओ ने दूसरा रिमाइंडर भेजकर प्रधान के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश डीपीआरओ को दिए हैं।
अधिकारियों पर हो मुकदमा दर्ज
शिकायतकर्ता परसराम जोशी, संत राम जोशी, रमेश चंद जोशी आदि का कहना है कि दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजकर्मियों ने प्रधान के साथ मिलकर फर्जी और कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर गबन किया, जो एक आपराधिक मामला है।
मुझे फंसाया गया
पूर्व प्रधान अनिल वर्मा का कहना है कि दलित होने के चलते साजिश के तहत मुझे फंसाया गया है। यदि मैं दोषी हूं तो संबंधित अधिकारी भी उतने ही दोषी हैं। उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।