मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 और झारखंड में दूसरे फेज की 38 सीटों के साथ ही 4 राज्यों की 15 विधानसभा और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर बुधवार को उपचुनाव होंगे। इन 15 में से 13 सीटों पर विधायकों के सांसद बनने, 1 के निधन और 1 के जेल जाने से ये सीटें खाली हुई हैं।
इनमें 2 सीटें स्ष्ट के लिए आरक्षित हैं। उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा 9 सीटों पर वोटिंग होनी है। महाराष्ट्र शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट के बाद कुल 158 दल चुनाव मैदान में हैं। इनमें 6 बड़ी पार्टियां दो गठबंधनों का हिस्सा बनकर चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा की अगुआई में शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की भाजपा महायुति का हिस्सा हैं। जबकि कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी(एसपी) महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं।
झारखंड विधानसभा चुनाव के आखिरी और सेकेंड फेज में 12 जिलों की 38 सीटों पर वोटिंग होगी।
इसमें 1.23 करोड़ वोटर्स शामिल होंगे। सेकेंड फेज की 38 में से 18 सीटें संथाल, 18 सीटें उत्तरी छोटानागपुर और दो सीटें रांची जिले की है। चुनाव आयोग के मुताबिक, दूसरे फेज में 528 कैंडिटेट्स मैदान में हैं। इनमें से 55 महिला उम्मीदवार हैं। 127 करोड़पति हैं, जबकि 148 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। इसी फेज में सीएम हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी और विपक्ष के नेता अमर बाउरी चुनाव लड़ रहे हैं। नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन था। तब भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं। जबकि कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिलीं थीं। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जातीं, लेकिन गठबंधन टूट गया। तमाम सियासी उठापटक के बाद 23 नवंबर, 2019 को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन बहुमत परीक्षण से पहले ही 26 नवंबर को दोनों को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद 28 नवंबर को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में आई। उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के सीएम बने। करीब ढाई साल बाद शिवसेना और उसके एक साल बाद एनसीपी में बगावत हुई और 2 पार्टियां 4 दलों में बंट गईं। इसी राजनीतिक पृष्ठभूमि पर हुए लोकसभा चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टियों को बढ़त मिली थी।