सरकारी भूमि पर अधिवक्ताओं क्यों जमाया रातों-रात कब्जा

ऋषिकेश। न्यायालय परिसर के सम्मुख खाली पड़ी सरकारी भूमि पर रातों-रात रोड़ी-रेता डालकर कुछ अधिवक्ताओं ने कब्जा कर अपने बेंचो व मेजों को लगा डाला, जिस पर ऋषिकेश प्रेस क्लब ने भूमि का आवंटन 2006 में अपने पक्ष में होने की प्रक्रिया बताते हुए कब्जाधारियों से भूमि मुक्त करा प्रेस क्लब को कब्जा दिलाये जाने के लिए उपजिलाधिकारी को पत्र प्रेषित किया है।
प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुदीप पंचभेया व महासचिव दुर्गा नौटियाल के साथ पत्रकारों ने उपजिलाधिकारी ऋषिकेश कार्यालय में एक पत्र प्रेषित किया है जिसमे अवगत कराया गया कि प्रमुख सचिव राजस्व ने अपने आदेश संख्या 686/8 (1) 2006 2 नवम्बर 2006 को मीडिया सेन्टर के लिए तहसील परिसर में खसरा संख्या 74 मि. रकबा 0.007 हेक्टेयर अथवा 70 वर्गमीटर भूमि हस्तांतरण करने के आदेश जारी किये थे, जिस पर तत्कालीन उपजिलाधिकारी द्वारा भूमि की खसरा-खतौनी प्रेस क्लब को उपलब्ध भी करवायी थी।
प्रेस क्लब अध्यक्ष व महासचिव ने उपजिलाधिकारी को अवगत कराया कि भूमि पर कुछ लोग कब्जा करने का प्रयास कर रहे है जिस पर उन्होंने निवेदन किया है कि आवंटित भूमि को कब्जा मुक्त कर इसका कब्जा ऋषिकेश प्रेस क्लब को उपलब्ध कराया जाये।
इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी प्रेमलाल ने बताया कि उन्होंने मामले की जांच के लिए तहसीलदार को निर्देशीत कर दिया है, वहीं उन्होंने बताया कि यदि भूमि का आवंटन या प्रक्रिया प्रेस क्लब के लिए जारी है तो उस पर जांच कर निर्णय किया जाएगा। कहा कि मौके पर भूमि आवंटन पर यदि प्रकिया चल रही है और अधिवक्ताओ द्वारा भूमि पर काउंटर बिना अनुमति के बनाये जा रहे है तो गलत है। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में उच्चन्यायालय के मुख्य न्यायधीश बरिन घोष द्वारा न्यायालय परिसर क्षेत्र में नियम विरुद्ध तरीके से लगाये गये अधिवक्ताओं के चेम्बरों के लिए दिये गये आदेशों को भी देखा जाएगा यदि इसमें भी ऐसा प्रकरण आता है तो उचित निर्णय लिया जाएगा।

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