
[ नए जिलाधिकारी, निखिल टी फुंडे ]
अयोध्या। अयोध्या जहां एक तरफ धर्म नगरी तो मानी ही जाती है वहीं दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ के हाथ में प्रदेश की बागडोर आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीधे नियंत्रण में रहने वाली नगरी की मान्यता अयोध्या को प्राप्त हो गयी है जिसका कारण भी प्रमुख है नई अयोध्या के सृजन में मुख्यमंत्री का विशेष योगदान रहा है चाहे वह अयोध्या का सौंदरीकरण हो, चाहे दीपोत्सव या फिर सभी छोटे बड़े मामलों पर मुख्यमंत्री की सीधी नजर, किसी भी मामले में मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों की छोटी सी छोटी अनदेखी से उनको मुख्यमंत्री के कोप का भाजन होना पड़ता है!
ऐसे में सिर्फ नव माह में ही जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह का तबादला अयोध्या जैसे प्रमुख स्थान से हटाकर सचिव अद्योगिक व अवस्थापना के पद कर कर दिया जाना जनपद के प्रबुद्ध वर्ग में चर्चा का विषय बना हुआ है और जिलाधिकारी के रूप में उनकी कार्यशैली पर सवालिया निशान भी लग रहा है!
वैसे तो जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह के कार्यशैली की लचर व्यवस्था उनके तबादले का प्रमुख कारण माना जा रहा है जिससे रैकिंग की श्रेणी में 75 जनपदों में अयोध्या जैसे प्रमुख जनपद का 68 वां स्थान है!
बताते चलें रैकिंग का निर्धारण तमाम विभागीय शिकायतों के निस्तारण पर किया जाता है 68 वें स्थान पर अयोध्या की रैकिंग का आना यह साफ बताता है शिकायतों के निस्तारण में जिलाधिकारी नें उत्सुकता नही दिखाई जिससे आमजनता को असुविधा हुई!

[ चंद्र विजय सिंह, हटाए गये जिलाधिकारी ]
वहीं दूसरी तरफ हाल ही में एसडीम सोहावल अभिषेक सिंह द्वारा अपने ही स्टेनो शिवम यादव का तहसील परिसर में बाल मुड़वाने पर मानसिक तनाव में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसकी मृत्यु पर हुए आंदोलन के बाद अभिषेक सिंह को खानापूर्ती के लिए बीकापुर तहसील में स्थानांतरण तो कर दिया गया लेकिन सप्ताह भर के अंदर उनको पुनः एसडीम सोहावल बना दिया गया!
तीसरे प्रमुख कारण में जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह के मुख्यालय पर बहुत कम समय देने की चर्चा आम है कहा जाता है कि सप्ताह में सिर्फ 3 दिन ही जिलाधिकारी मुख्यालय पर मौजूद रहकर जनता को समय दिया करते थे जिससे आमजनता को शिकायत करने या फिर उसके निस्तारण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था!
प्रदेश के महत्वपूर्ण वो मुख्यमंत्री के सीधे निर्देशन में चलने वाले शहर में आमजनता की दुर्दशा कैसे और कबतक छुपी रहती और भाजपा एक जिलाधिकारी के कार्यशैली का दुष्परिणाम क्यों झेलती, इसी कारण से जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह को हटाकर नये जिलाधिकारी के रूप में निखिल टी फुंडे को कमान सौंपी गई!