
बाराबंकी: Barabanki Stampede- An eye-witness story: रविवार-सोमवार की दरमयानी रात. करीब दो बज रहे होंगे. सावन के तीसरे सोमवार पर जलाभिषेक की तैयारी जोरों पर थी. देश के अन्य पौराणिक शिवमंदिरों की तरह बाराबंकी के पौराणिक औसानेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी. घंटियों की आवाज और ‘बोल बम’ के जयकारों के बीच हर कोई शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए कतारबद्ध थे. श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. लेकिन तभी… सब कुछ बदल गया.
जोर की आवाज आई. धमाचौकड़ी की. लोगों ने देखा तो ऊपर बिजली के तारों पर बंदरों की उछल-कूद चल रही थी. अचानक एक तार टूटकर सीधे मंदिर के टिन शेड पर आ गिरा और अगले ही पल परिसर में जहां-तहां लगे मेटल्स में करंट दौड़ गया. टिन शेड से लोहे और अन्य धातु की जो भी गेट, ग्रिल वगैरह संपर्क में थे, उनमें करंट आ गया था. दर्जनों श्रद्धालु जो अब तक जयकारे लगा रहे थे, उनके बीच भागम-भाग और चीख-पुकार मच गई.
‘करंट फैल गया है, कोई बचाओ’
बंदरों की धमाचौकड़ी ने मंदिर के माहौल को हादसे में बदल दिया था. ‘बचाओ… करंट लग रहा है!’…. अरे हटिए… कोई बचाइए…’ सभी इधर से उधर भागने लगे. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था. कुछ श्रद्धालु जमीन पर गिर चुके थे. लोग अपने साथियों और परिजनों से बिछड़ रहे थे. टिन शेड के पास खड़े लोग, जिनको करंट लगा बेहोश होकर गिरने लगे. देखते ही देखते भगदड़ मच गई.
मंदिर में मौजूद पुलिसकर्मी मौजूद थे, वे भी दौड़ पड़े. वहीं कुछ स्थानीय लोग घायलों को उठाकर बाहर लाने में जुट गए. जब तक मामला संभला, तब तक दो लोगों की जान जा चुकी थी, 30 के करीब लोग घायल थे. इनमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे.
‘आंखों में डर और दिल में दहशत’
इस अफरातफरी के बीच मंदिर के बाहर अब एंबुलेंस की कतारें थीं. हर किसी की आंखों में डर था और दिल में दहशत. और फिर वहां पहुंचे डीएम शशांक त्रिपाठी और एसपी अर्पित विजयवर्गीय. उन्होंने बताया, ‘बंदरों की उछल-कूद के चलते बिजली का तार गिरा, जिससे हादसा हुआ. घायलों का इलाज जारी है.’ उन्होंने बताया कि हादसे में 29 लोग घायल हैं. जिनकी स्थिति गंभीर है, उन्हें बाराबंकी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.