हत्या व अपहरण मामले में तीन को उम्रकैद, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

कत्ल और किडनैपिंग केस में तीन को आजीवन कारावास, जुर्माना भी ठोंका
सीतापुर कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, विकास रावत, चिरंजू और प्रीति को उम्रकैद

सीतापुर। न्यायालय से 23 दिसंबर, 2025 एक बहुचर्चित मुकदमे में बड़ा और कड़ा फैसला आया है। अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या 3, अवनीश कुमार प्रथम ने विकास रावत, चिरंजू और प्रीति को हत्या, अपहरण और अन्य गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला सत्र परीक्षण संख्या 19/2015 और 937/2025 से संबंधित है।

फैसले के अनुसार, अभियुक्तों को धारा 302 (हत्या) और धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 364 (अपहरण), धारा 384 (जबरन वसूली) और धारा 147/149/120बी (दंगा/आपराधिक षड्यंत्र) जैसी गंभीर धाराओं के तहत दोषी पाया गया है। सजा सुनाते हुए अभियुक्त विकास रावत, चिरंजू और प्रीति को धारा 302/149/120बी के अपराध के लिए आजीवन कारावास और प्रत्येक पर ₹10,000 (दस हजार) रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड न चुकाने पर एक साल का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।

हत्या के अलावा कई धाराओं में सजा, कानून का शिकंजा कसकर तैयार
कोर्ट ने सिर्फ आजीवन कारावास तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि अन्य धाराओं में भी कठोर सजा सुनाई है। अपहरण (धारा 364/120बी) के लिए विकास, चिरंजू और प्रीति को सात वर्ष का कारावास और ₹5,000 (पाँच हजार) रुपये का अर्थदंड दिया गया है। हत्या का प्रयास (धारा 307/149/120बी) के लिए विकास रावत को सात वर्ष का कारावास और ₹5,000 (पाँच हजार) रुपये का अर्थदंड दिया गया है। दंगा/गैरकानूनी सभा (धारा 147) के लिए चिरंजू और प्रीति को दो वर्ष का कारावास और ₹2,000 (दो हजार) रुपये का अर्थदंड दिया गया है।

न्यायाधीश अवनीश कुमार प्रथम ने खुले न्यायालय में इस निर्णय पर हस्ताक्षर किए और उद्घोषित किया कि दोषसिद्ध अभियुक्तों विकास रावत, चिरंजू और प्रीति को तुरंत दंडादेश तैयार कर दंड भुगताने हेतु जिला कारागार सीतापुर भेजा जाए। इस मामले की शुरुआत थाना मानपुर में आलोक तिवारी की तहरीर पर दर्ज एफआईआर (मु0अ0सं0 151/2014) से हुई थी, जिसमें तन्नू मिश्रा का अपहरण और हत्या शामिल थी। अभियोजन पक्ष की ओर सके पैरवी शासकीरय अधिवक्ता आशुतोष अवस्थी ने की।

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