
- पुलिस पर 2022 के फर्जी मुठभेड़ और झूठी विवेचना का आराेप
संभल । उत्तर प्रदेश के जनपद संभल की चंदौसी में स्थित सीजेएम कोर्ट ने 12 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर के आदेश दिए हैं। जनपद संभल के चंदौसी में स्थित सीजेएम कोर्ट ने 2022 के फर्जी मुठभेड़ और झूठी विवेचना के मामले में कथित फर्जी मुठभेड़ दिखाने और झूठी विवेचना करने के आरोप में तत्कालीन इंस्पेक्टर, सीओ, एसएचओ समेत कुल 12 पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
24 अप्रैल 2022 को कथित लूट की घटना में एक व्यक्ति (ओमवीर) को आरोपी दिखाया गया, जबकि वह उस समय जिला कारागार (बदायूं) में निरुद्ध था। कोर्ट ने पाया कि पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ा दिखाकर और 19 मोटरसाइकिलों की झूठी बरामदगी दिखाकर इस मामले को रचा गया, जिससे अवैध रूप से कार्रवाई की गई। अदालत ने कहा है कि प्रथम दृष्टया इस मामले में पुलिस कर्मियों द्वारा पद का दुरुपयोग, षड्यंत्र और अवैध विवेचना के संकेत मिलते हैं।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विभांशु सुधीर ने पाया कि मामले की विवेचना में पद का दुरुपयोग, षड्यंत्र रचना और झूठे दस्तावेज़ पेश करना जैसे संकेत स्पष्ट हैं। कोर्ट ने कहा कि इन आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज कराकर विधिसंगत जांच की जानी चाहिए।
न्यायालय ने फर्जी मुठभेड़ा और झूठी विवेचना के आरोपों के तहत पुलिस विभाग के 12 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए है।
इस मामले में जानकारी देते हुए पीड़ित ओमवीर ने बताया कि पुलिस ने जिस घटना में उसे दोषी बताया था जिस दिन वह घटना हुई थी उस दिन वह जेल में बंद था लेकिन पुलिस ने उसे मामले में उसे आरोपी बनाकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उसे जमानत पर छूटने के बाद जेल भेज दिया। उसे जब बहजोई पुलिस के द्वारा जेल भेजे गए मुकदमे में जमानत मिली तो उसने अपने वकील के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए एक वाद दायर किया जिस पर न्यायालय ने तत्कालीन एसएचओ समेत 12 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध बहजोई थाने में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए पीड़ित ओमवीर के अधिवक्ता सुकांत कुमार ने बताया कि पीड़ित को जिस घटना के लिए आरोपी बनाकर जेल भेजा गया था उस घटना के दिन वह जेल में बंद था। जमानत पर छूटने के बाद ओमवीर ने दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध वाद दायर किया था जिसमें न्यायालय ने 12 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रकरण में
सीओ बहजोई गोपाल सिंह के खिलाफ प्रथम दृष्टया अपराध न पाए जाने की बात न्यायालय ने कही।
इनके खिलाफ हाेगी कार्यवाही
तत्कालीन एसएचओ पंकज लवानिया
तत्कालीन उपनिरीक्षक प्रबोध कुमार
तत्कालीन निरीक्षक राहुल चौहान
तत्कालीन वरिष्ठ उपनिरीक्षक नरेश कुमार
तत्कालीन उपनिरीक्षक नीरज कुमार मात्तोदकर
तत्कालीन उपनिरीक्षक जमील अहमद
आरक्षी वरुण
आरक्षी मालती चौहान
आरक्षी आयुष
आरक्षी राजपाल
आरक्षी दीपक कुमार
तत्कालीन मुख्य आरक्षी रूपचंद्र










