
माघ मेला केवल आस्था का आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सनातन परम्परा, सामाजिक अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता का सजीव उदाहरण : मुख्यमंत्री
देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
31 दिसम्बर, 2025 तक माघ मेले के आयोजन से सम्बन्धित समस्त तैयारियाँ पूर्ण करने के निर्देश
सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ समयबद्ध ढंग से कार्य पूर्ण करें
माघ मेला-2026 ऐसा आयोजन बने, जिसमें आस्था, सुरक्षा, स्वच्छता, नवाचार और संवेदनशील प्रशासन सभी का संतुलित और प्रभावी स्वरूप दिखायी दे
प्रमुख स्नान पर्वों पर किसी तरह का वीआईपी प्रोटोकॉल न दिया जाए, इस सम्बन्ध में आवश्यक सूचना जारी की जाए
माघ मेले से जुड़े सभी विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारी और अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था स्वयं मेला क्षेत्र जाकर तैयारियों की समीक्षा करें
सुरक्षा और भीड़ प्रबन्धन में आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए, ट्रैफिक एवं क्राउड मैनेजमेण्ट के लिए ठोस और बहुस्तरीय कार्ययोजना बनायी जाए
मेला क्षेत्र में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे गंगा-यमुना की पवित्रता अक्षुण्ण बनी रहे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहाँ अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में माँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम तट पर प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेला-2026 की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माघ मेला केवल आस्था का आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सनातन परम्परा, सामाजिक अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता का सजीव उदाहरण है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संगम पर कल्पवास, स्नान और साधना की परम्परा भारतीय सांस्कृतिक चेतना की आत्मा है। इस वर्ष 15 से 25 लाख श्रद्धालु केवल कल्पवासी होंगे। महाकुम्भ के सुव्यवस्थित आयोजन के बाद माघ मेला-2026 को लेकर देश और दुनिया में विशेष उत्साह है। यह मेला समाज को संयम, समरसता और सेवा का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ समयबद्ध ढंग से कार्य पूर्ण करें। माघ मेला-2026 ऐसा आयोजन बने, जिसमें आस्था, सुरक्षा, स्वच्छता, नवाचार और संवेदनशील प्रशासन सभी का संतुलित और प्रभावी स्वरूप दिखायी दे।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि व्यवस्थाओं में आध्यात्मिक गरिमा बनी रहे, लेकिन किसी भी स्तर पर अव्यवस्था या असुविधा न हो। उन्होंने गृह विभाग को निर्देश दिए कि प्रमुख स्नान पर्वों पर किसी तरह का वी0आई0पी0 प्रोटोकॉल न दिया जाए, इस सम्बन्ध में आवश्यक सूचना जारी की जाए। माघ मेले से जुड़े सभी विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारी और अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था स्वयं मेला क्षेत्र जाकर तैयारियों की समीक्षा करें। उन्होंने 31 दिसम्बर, 2025 तक माघ मेले के आयोजन से सम्बन्धित समस्त तैयारियाँ पूर्ण करने के निर्देश दिए।
बैठक में मण्डलायुक्त प्रयागराज ने बताया कि माघ मेला-2026 का आयोजन 03 जनवरी से 15 फरवरी, 2026 तक कुल 44 दिनों तक होगा। इस दौरान पौष पूर्णिमा, मकर संक्रान्ति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख स्नान पर्व पड़ेंगे। पूरे मेला काल में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जबकि मौनी अमावस्या जैसे प्रमुख पर्व पर एक ही दिन में साढ़े तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम स्नान की सम्भावना के दृष्टिगत व्यवस्थाएँ उसी अनुरूप की जा रही हैं।
बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि मेला क्षेत्र का विस्तार बढ़ाकर लगभग 800 हेक्टेयर किया गया है। सेक्टरों की संख्या 05 से बढ़ाकर 07 कर दी गई है। स्नान घाटों की कुल लम्बाई में पिछले माघ मेले की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 42 पार्किंग स्थल, 09 पाण्टून पुल, बेहतर आन्तरिक सड़क व्यवस्था और सुगम आवागमन की विस्तृत कार्ययोजना पर काम अन्तिम चरण में है।
मुख्यमंत्री जी ने सुरक्षा और भीड़ प्रबन्धन के सम्बन्ध में कहा कि आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए। उन्होंने ट्रैफिक एवं क्राउड मैनेजमेण्ट के लिए ठोस और बहुस्तरीय कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
पुलिस आयुक्त, प्रयागराज कमिश्नरेट ने अवगत कराया कि मेला अवधि के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। लगभग 450 सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 250 कैमरे स्थापित किए जा चुके हैं। एस0डी0आर0एफ0 और एन0डी0आर0एफ0 की टीमें भी तैनात की जाएंगी। मेला क्षेत्र में ए0आई0 आधारित सर्विलांस एवं क्राउड मैनेजमेण्ट सिस्टम लागू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने पुलिसकार्मिकों के बेहतर व्यवहार और श्रद्धालु-संवेदनशील दृष्टिकोण के लिए आवश्यक प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एन0एस0एस0 स्वयंसेवकों और एन0सी0सी0 कैडेट्स के सहयोग को भी व्यवस्थाओं में शामिल किया जाए। उन्होंने नाविकों के साथ संवाद और समन्वय बनाए रखने तथा श्रद्धालुओं के लिए खान-पान एवं विभिन्न सेवाओं के शुल्क को नियंत्रित रखने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने नवाचारों पर विशेष बल देते हुए कहा कि माघ मेला-2026 को सुविधाओं और तकनीक के स्तर पर एक नया मानक बनना चाहिए। बैठक में अवगत कराया गया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ऐप आधारित बाइक-टैक्सी सेवा, दिशा सूचक संकेतों का व्यापक विस्तार, विद्युत पोलों पर क्यू0आर0 कोड आधारित पहचान प्रणाली, निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु रिंग मेन यूनिट, कटाव रोकने के लिए जियो-ट्यूब तकनीक तथा पूर्वनिर्मित सीवेज शोधन संयंत्र जैसी व्यवस्थाएँ लागू की जा रही हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सभी नवाचार ज़मीनी स्तर पर प्रभावी रूप से दिखाई देने चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माघ मेला स्वच्छता का उदाहरण बने, इसके लिए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबन्धित किया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि मेला क्षेत्र में कुल 16,650 शौचालयों की स्थापना की जा रही है, जिनमें महिलाओं के लिए पृथक और पर्याप्त सुविधाएँ शामिल हैं। लगभग 3,300 सफाई मित्रों की 24 घण्टे तैनाती की जाएगी। उनके लिए सैनिटेशन कॉलोनी, बच्चों हेतु आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालय जैसी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं। मुख्यमंत्री जी ने मेले में कार्यरत स्वच्छताकर्मियों के मानदेय का भुगतान प्रत्येक दशा में 15 दिवस के भीतर कराए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने नगर विकास विभाग को निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे गंगा-यमुना की पवित्रता अक्षुण्ण बनी रहे।
मुख्यमंत्री जी को स्वास्थ्य सेवाओं के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि मेला क्षेत्र में 20-20 बेड के 02 अस्पताल, 12 प्राथमिक उपचार केन्द्र, 50 एम्बुलेंस तथा आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सा इकाइयाँ स्थापित की जा रही हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो सके। नदी और बाढ़ प्रबन्धन के सम्बन्ध में बताया गया कि नदी प्रशिक्षण, अस्थायी तटबन्ध, जेट्टी निर्माण, नालों की सफाई और जलस्तर की निरन्तर निगरानी का कार्य किया जा रहा है। जेट्टी निर्माण का कार्य लगभग 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। मुख्यमंत्री जी ने नदी क्षेत्र में नियमित गश्त सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेले से पूर्व प्रभावी मॉक ड्रिल करायी जाए तथा अग्निशमन दस्तों के पास आधुनिक उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
इस वर्ष पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से माघ मेला के दौरान लोकनृत्य, लोकनाट्य, भजन-कीर्तन, रामलीला तथा प्रदेश की समृद्ध कला-संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम एवं प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाएंगी। साथ ही, 19वीं एवं 20वीं शताब्दी के प्रारम्भिक माघ मेला आयोजनों की प्रशासनिक व्यवस्थाओं से सम्बन्धित लोक अभिलेखों तथा सनातन परम्परा एवं अध्यात्म से जुड़ी दुर्लभ पाण्डुलिपियों की प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी।










