नई दिल्ली: शिव जी का प्रिय महीना यानि सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है। सावन के महीने में 16 सोमवार व्रत रखने के साथ साथ सावन की शिवरात्रि का व्रत भी रखा जाता है। वर्ष में 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि और सावन की शिवरात्रि का काफी महत्व है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने वालों के पापों का नाश होता है।
यही नहीं कुवारी कन्याएं या फिर पुरुष यदि यह व्रत सच्चे मन से रखते हैं तो उन्हें मनचाहा वर या वधु मिलता है। सावन की शिवरात्रि 9 अगस्त 2018 को मनाई जाएगी। इसका निशिथ काल पूजा का समय 24:09+ से 25:01+ तक होगा तथा मुहूर्त की अवधि कुल 43 मिनट की होगी।
यदि आप चाहते हैं कि सावन की शिवरात्रि में भोलेनाथ आपके संकट दूर कर के विशेष कृपा बरसाएं तो, भोले बाबा की इस विधि पूजा करें….
पूजा करने के लिए जरूरी सामग्री:
- शिवामुट्ठी के लिए कच्चे चावल, सफ़ेद तिल, खड़ा मूंग, जौ, सतुआ
- पंचामृत के लिए – दूध, दही, चीनी, चावल, गंगाजल
- बिल्वपत्र
- फल
- फूल
- धूप बत्ती या अगरबत्ती
- चन्दन
- शहद
- घी
- इत्र
- केसर
- धतूरा
- कलावे की माला
- रुद्राक्ष
- भस्म
- त्रिपुण्ड्र
इस विधि से करें शिव जी की पूजा-
इस दिन सुबह उठ कर स्नान कर के मन को पवित्र कर लें। घर पर या मंदिर में शिव जी की पूजा करें और शिव जी के साथ माता पार्वती और नंदी गाय को पंचामृत जल अर्पित करें। ऐसा करने के बाद शिवलिंग पर ऊपर बताई हुई सामग्रियों को एक एक कर के शिव मंत्र :ॐ नमः शिवाय के जाप के साथ चढ़ाते जाएं। भगवान की पूजा दिल से करें, इससे आप उन्हें जो कुछ भी अर्पित करेंगे उससे आपकी पूजा सफल मानी जाएगी।
सावन शिवरात्रि के दिन हर किसी को व्रत रखना चाहिए। व्रत रखते वक्त मूल बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। इस दिन केवल फलाकार का सेवन करें तथा मन को शुद्ध रखें।