कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरे चरण से निपटने के लिए सरकार युद्धस्तर पर तैयारियों में जुट गई है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना से बचाव के संबंध में कई अहम निर्णय लिए गए। यह तय किया गया कि प्रत्येक विधायक कोरोना से बचाव के लिए वेंटीलेटर या अन्य जरूरी उपकरणों की व्यवस्था को 15 लाख रुपये संबंधित जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी को देंगे। जरूरत देखते हुए इस राशि का उपयोग विधायक के विधानसभा क्षेत्र में भी किया जा सकेगा। गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) और कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के गेस्टहाउस का नियंत्रण सरकार अपने हाथ में लेगी। राज्य के भीतर सभी शॉपिंग मॉल भी 31 मार्च तक बंद रखे जाएंगे। कोरोना संबंधित मामलों पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की सीधी नजर रहेगी।
त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल की गुरुवार को सचिवालय में बैठक हुई। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश एवं टिहरी जिले में आने वाले विदेशियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। जरूरत पड़ने पर जीएमवीएन व केएमवीएन के गेस्टहाउस और स्टेडियम को नियंत्रण में लिया जाएगा। यह कोरोना वायरस के तीसरे चरण की तैयारियों के तहत उठाया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने तय किया कि सभी विधायक अपनी विधायक निधि से 15 लाख रुपये अपने-अपने जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को देंगे। इस धनराशि को जरूरत के मुताबिक खर्च किया जाएगा। मुख्य सचिव प्रतिदिन और मुख्यमंत्री दो-तीन दिन के अंतराल पर कोरोना को लेकर स्थिति की समीक्षा करेंगे। मंत्रिमंडल ने निजी क्षेत्र से भी ऐसे मौके पर सहयोग की अपील की है। निजी क्षेत्र को उनके नजदीकी क्षेत्रों में अधिक लोगों को एकत्र नहीं होने को कहा गया है। कोरोना के लक्षण दिखने पर सरकार को सूचित करने की अपील भी की गई। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
आम लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। उधर राज्य में सभी शॉपिंग मॉल 31 मार्च तक बंद करने के मंत्रिमंडल के फैसले के बाद उक्त संबंध में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण सचिव नितेश झा ने उत्तराखंड महामारी रोग अधिनियम-2020 के तहत आदेश जारी कर दिए। मंत्रिमंडल ने कोरोना के खतरे को देखते हुए बजट सत्र का शेष भाग 25 मार्च से देहरादून में आयोजित करने पर मुहर लगाई। राज्य की वित्तीय व्यवस्था को मजबूत बनाने और केंद्र से बाह्य सहायतित योजना में ज्यादा मदद हासिल करने को अर्थशास्त्री की नियुक्ति का निर्णय लिया गया। इस पद के लिए वेतनमान व अन्य शर्ते बाद में तय की जाएंगी। अर्थशास्त्री को उनकी योग्यता और प्रतिष्ठा के मुताबिक वेतनमान दिया जा सकेगा। उक्त नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे जाएंगे।