आज यानी 22 मार्च को वर्ल्ड वॉटर डे यानी विश्व जल दिवस है। कहा जाता है- जल है तो कल है या बिन पानी सब सून। संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया के हर नौवें शख्स के पास पीने के साफ पानी का अभाव है। इसकी वजह से हर साल लाखों लोग बीमारियों का शिकार होते हैं और उनकी मौत हो जाती है। वर्ल्ड वॉटर डे की हर साल एक थीम तय की जाती है। इस साल की थीम है- Nature From Water। यानी प्रकृति से जल। एक अनुमान के मुताबिक- भारत में ही करीब 16 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें पीने का साफ पानी नहीं मिल पाता।
जल यानी बुनियादी मानवाधिकार
– संयुक्त राष्ट्र में सेवाएं दे चुकीं ब्रिटेन की जल विशेषज्ञ आंद्रिया मैक्नॉल्ड कहती हैं- जरूरत इस बात की है कि हम जल को लेकर जागरूकता फैलाएं। इसके बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। सच्चाई ये है कि दुनिया के हर नौवें इनसान के पास पीने के लिए साफ पानी नहीं है।
कैसे हल होगी पानी की समस्या?
– आंद्रिया के मुताबिक- इसके लिए हमें जंगल फिर लगाने होंगे, नदियों और दूसरे जल स्रोतों के आस-पास कटाव रोकने के लिए पौधे लगाने होंगे।
– संयुक्त राष्ट्र ने खुद कहा है- अगर इनसानों के लिए साफ पानी को बचाना है तो पहले हमें अपने इकोसिस्टम को सुधारना होगा।
खराब पानी यानी खराब सेहत
– दुनिया के कई देशों में गंदे पानी के उपयोग की वजह से हर साल लाखों लोग बीमार होते हैं। कई बार इनमें से कई लोगों की मौत हो जाती है। दुख की बात ये है कि इनमें से ज्यादातर वो बच्चे होते हैं जो आगे जाकर किसी देश का भविष्य बनने वाले हैं।
क्या दुनिया में पर्याप्त पानी है?
– संयुक्त राष्ट्र संघ की वेबसाइट इसका जवाब ‘हां’ में देती है। इसके मुताबिक, दुनिया में लोगों के लिए पर्याप्त पानी है। लेकिन, खराब अर्थव्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से हम ना तो इसके स्रोतों का संरक्षण कर पाते हैं और ना ही इनमें सुधार कर पाते हैं।
– एक तथ्य ये भी है कि सूखा उन देशों में ज्यादा रहा, जहां जल स्रोतों का संरक्षण नहीं किया गया। इसका परिणाम ये हुआ कि करोड़ों लोग जल अभाव या फिर इसकी वजह से पैदा हुई परेशानियों की वजह से जान गंवाते चले गए।
पेयजल के हाल: संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक
– 2 अरब 10 करोड़ लोगों के पास सुरक्षित पेयजल नहीं है।
– 844 मिलियन लोगों के पास साधारण पानी भी नहीं। इनमें से करी 29 करोड़ लोगों को एक बार पानी लाने के लिए 30 मिनट का रास्ता तय करना पड़ता है।
– 159 मिलियन लोगों को गंदा पानी पीना पड़ता है। इससे बीमारियां होती हैं।
– 66 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनके घर के पास भी स्वच्छ पेयजल नहीं मिलता।
– दुनिया के कुल क्षेत्रफल के 71 फीसदी हिस्से पर पानी है। इनमें से 97 फीसदी हिस्से पर समुद्र है।
– दुनिया के कुल ताजे पानी का 69 फीसदी जमी हुई बर्फ के पिघलने से मिलता है। सिर्फ 30 फीसदी ही नदियों या दूसरे जल स्रोतों में है।
– विश्व में सिर्फ 0.26 फीसदी पानी ही झीलों से मिलता है।