जानिए लोगो के लिए क्यों जरूरी बन गया है शंख, ताली, घंटी और थाली बजाना?

कोराना वायरस की स्थिति अब दुनिया के साथ भारत में गंभीर होने लगी है।  कोरोना वायरस के प्रकोप से शनिवार सुबह तक दुनिया भर में 597267 मामले दर्ज हुए हैं। अब तक कोरोना संक्रमित 27365 मरीजों की मौत हो चुकी है। राहत की बात यह है कि 133363 मरीज स्वस्थ होकर अपने घरों को को लौट चुके हैं जिसमें 104205 मरीज सिर्फ अमेरिका में ठीक हुए हैं।

इटली में पिछले चौबीस घंटों में कोरोना वायरस से सबसे अधिक 919 मौतें हुईं, जबकि यूरोप के अन्य देश स्पेन में भी 769 मौतों के बाद वहांं हेल्थ सिस्टम चरमरा गया है। स्पेन में 4858 मौतों के बाद प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए हैं। जान होप्किंस मेडिकल सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार इटली में कोरोना से 9134 मौतें हो चुकी हैं।

वही  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम दिये गये संदेश में  22 मार्च को जनता कफ्र्यू की अपील का जनता ने पूरा समर्थन करते हुए खुद को घरों में कैद रखा है। साथ ही प्रधानमंत्री ने जो जनता कफ्र्यू के दौरान शाम 5 बजे शंख, ताली, घंटी और थाली बजाकर उन लोगों को सम्मान देने की अपील की है, जो खुद की परवाह न करते हुए दिन-रात कोरोना से आमजनों को बचाने के लिए इमरजेंसी सेवाओं में लगे हैं, जनता उसके लिए भी पूरी तरह से तैयार दिखी। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि विज्ञान और हमारे आयुर्वेद के मुताबिक शंख, ताली, घंटी और थाली बजाने का कितना महत्व है और इन्हें बजाने से किस तरह से बैक्टीरिया व वायरस मरते हैं।

ये रहे ताली बजाने के फायदे

एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स की हमारे हाथों में मौजूदगी होती है। ताली बजाते समय जब आपकी दोनों हथेलियां एक-दूसरे को दबाती हैं तो इन बढ़िया दबाव पड़ने के कारण हृदय के साथ फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलती है। यह जानकर आप शायद हैरान रहे जाएंगे कि एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स की संख्या सर्वाधिक 30 हमारी हथेलियों में ही होती हैं। जहां आप ताली बजाना शुरू करते हैं तो इन एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स के दबने से शरीर के सभी अंगों में रक्त के साथ आॅक्सीजन का प्रवाह बेहद आसानी से और सुचारू रूप से होना शुरू हो जाता है। एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स पर सबसे अच्छी तरह से दबाव बनाने का ताली बजाने से बढ़िया तरीका और कोई नहीं हो सकता। ताली बजाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है, जिसका कोरोना वायरस को शरीर से दूर रखने या फिर इसके संक्रमण के इलाज में बड़ा महत्व है। नर्वस सिस्टम पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

शंख बजाना क्यों है जरूरी?

जब आप शंख फूंक कर बजाते हैं तो इससे आपके श्वसन तंत्र यानी कि रेस्पिरेटरी सिस्टम की बहुत अच्छी तरह से एक्सरसाइज हो जाती है। शंख बजाने से श्वसन तंत्र में मजबूती आती है। आप बेहतर तरीके से सांस ले पाते हैं। कोरोना वायरस सीधे श्वसन तंत्र पर ही हमला बोलता है। इसी के जरिये इसका संक्रमण शरीर में प्रवेश करता है। ऐसे में शंख बजाना इस लिहाज से बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। जब शंख की ध्वनि निकलती है तो हमारे आसपास के वातावरण में जितने भी सूक्ष्म कीटाणु, जीवाणु और विषाणु मौजूद रहते हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं, वे इससे मर जाते हैं। सांस की बीमारियों को भी दूर करने में यह मददगार होता है। खांसी और दमा की यदि आपको शिकायत है तो शंख बजाना आपके लिए कारगर साबित हो सकता है। ब्लड प्रेशर की समस्या में भी शंख बजाना बेहद प्रभावी होता है। प्राकृतिक कैल्शियम के साथ शंख में फास्फोरस भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। ऐसे में नियमित रूप से यदि आप शंख फूंकते रहें तो फेफड़े की बीमारी तो आपके शरीर से दूरी बनाकर रखने में ही अपनी भलाई समझेगी। इसके अलावा शंख नियमित रूप से बजाने से श्वसन तंत्र तो मजबूत बनता ही है, साथ में यह श्रवण तंत्र के साथ चेहरे और फेफड़ों का अच्छा व्यायाम भी करा देता है। वायरस से यह आपको कितना बचायेगा, यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन आपको यह इसका मुकाबला करने लायक तो जरूर बना देता है।

अब जानिए थाली और घंटा बजाने से क्या पाएंगे आप?

कोई वैज्ञानिक प्रमाण तो थाली और घंटा बजाने को लेकर उपलब्ध नहीं हैं, जो ये साबित कर सकें कि इन्हें बजाने से स्वास्थ्य को लाभ मिलते हैं, मगर कई ऐतिहासिक प्रमाण यह जरूर बताते हैं कि इसका लाभ प्राप्त करने के लिए यह बहुत जरूरी है कि एक ही आकार के घंटे के साथ एक ही आकार की थाली को सभी लोगों द्वारा एक साथ बजाया जाए, जो बहुत ही कठिन है। वैसे, आयुर्वेद मानता है कि घंटी और थाली बजाने से इनसे निकलने वाली ध्वनि से भी हवा में मौजूद शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया और वायरस काफी हद तक खत्म हो जाते हैं। एक और चीज, ऊं क उच्चारण भी मददगार होता है। विज्ञान तक इसके फायदों को मान चुका है। ऐसे में आप 5 बजे ऊं का उच्चारण भी कर सकते हैं। कुल मिलाकर ताली, शंख, घंटी और थाली बजाने के लिए यदि प्रधानमंत्री ने अपील की है तो इसके पीछे बहुत से फायदे भी सेहत की दृष्टि से छुपे हुए हैं और हर किसी को इस मुहिम का हिस्सा जरूर बनना चाहिए।

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