- महाराज की पत्नी एवं पूर्व मंत्री अमृता रावत की रिपोर्ट शनिवार को ही पॉजिटिव आई थी
- दो बेटे-बहू और स्टॉफ के 17 लोगों की जांच रिपोर्ट आज आई पॉजिटिव
- सचिव (स्वास्थ्य) अमित नेगी ने कहा-मंत्रियों को एकांतवास करने की जरूरत नहीं
- एक दिन पहले कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए थे सतपाल महाराज, इसलिए पूरी सरकार पर कोरोना का खतरा
देहरादून । उत्तराखंड में रविवार को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उनके बेटे, बहू और उनके स्टॉफ के 17 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। पत्नी अमृता रावत की रिपोर्ट शनिवार को ही पॉजिटिव आई थी। सतपाल महाराज रविवार रात अपने पांच पारिवारिक सदस्यों के साथ एम्स, ऋषिकेश में भर्ती हो गए हैं। इससे पूरी सरकार में हड़कंप मचा हुआ है।
इसके अलावा आज ही दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक महिला डॉक्टर समेत राज्य में कोरोना संक्रमित 158 नए मरीज मिले हैं। इसके साथ ही राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 907 हो गई है। अभी तक स्वस्थ होने के बाद 102 मरीज अपने घर जा चुके हैं। पांच मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है और 3 मरीज रिपोर्ट आने से पहले ही राज्य से बाहर जा चुके हैं।
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उनके बेटे, बहू तथा स्टॉफ के 17 लोगों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आज पॉजिटिव आई है। उनकी पत्नी अमृता रावत शनिवार को कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं, जिसके बाद आज पूर्वाह्न 11 बजे उन्हें एम्स (ऋषिकेश) में भर्ती कराया गया है। एम्स के जनसम्पर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि आज पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सतपाल महाराज भी रविवार रात अपने पांच पारिवारिक सदस्यों के साथ एम्स (ऋषिकेश) में भर्ती हो गए हैं।
दरअसल हाल ही में दिल्ली से कुछ लोग सतपाल महाराज से मिलने देहरादून आए थे, जिन्हें उन्होंने अपने घर पर ही एकांतवास में रखा था। इस बीच तीन-चार दिन पहले महाराज की पत्नी एवं पूर्व मंत्री अमृता रावत की तबियत खराब हुई तो शनिवार को देहरादून की एक निजी लैब में कोरोना की जांच कराई और शाम को रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। उसके बाद उन्हें आज एम्स (ऋषिकेश) में भर्ती कराया गया।
इस बीच सतपाल महाराज, उनके परिजनों और स्टॉफ के लोगों के भी सैम्पल लिये गए, जिनकी आज जांच रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक सतपाल महाराज, उनके दो बेटे और बहुएं भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि उनके एक बेटे की रिपोर्ट को लेकर कुछ संशय है, इसलिए उसकी दोबारा जांच होगी। कर्मचारियों के सैंपल में 17 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि 12 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। पांच की जांच दोबारा की जाएगी।
गौरतलब है कि सतपाल महाराज की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद यहां के राजनीतिक और प्रशासनिक हलके में हड़कम्प मचा हुआ है। आज दिन भर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी फोन उठाने से बचते रहे। इसकी बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई थी, जिसमें सतपाल महाराज शामिल हुए थे।
शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में सतपाल महाराज के कांटेक्ट में कौन मंत्री या स्टॉफ के दूसरे लोग आए? यह एक गंभीर मसला है। जानकारों का कहना है कि अगर बैठक में शामिल होने वाले लोग सतपाल महाराज के सम्पर्क में आए हैं तो उनकी भी जांच होनी चाहिए, जो किसी चुनौती से कम नहीं है। यह मामला पूरी तरह से हाई-प्रोफाइल है और इसमें कई और लोगों के जद में आने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। एक तरह से पूरी कैबिनेट पर अब कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। इस मामले में कैबिनेट मंत्री एवं शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की जो भी गाइडलाइन होगी, मंत्री और अधिकारी उसका अनुपालन करेंगे।
उधर, उत्तराखंड के सचिव (स्वास्थ्य) अमित नेगी ने आज देर रात कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार की निर्धारित गाइडलाइन की जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के कान्टेक्ट ट्रेसिंग के संबंध मे प्रावधान है कि कान्टेक्ट का दो वर्गों में वर्गीकरण किया जाएगा। अधिक रिस्क वाले कान्टेक्ट और कम रिस्क वाले कान्टेक्ट। इस तरह अधिक रिस्क वाले कान्टेक्ट की दशा में 14 दिन के लिए गृह एकांतवास (होम क्वारंटाइन) किया जाएगा और आईसीएमआर के प्रोटोकोल के अनुसार टेस्ट कराया जाएगा। कम रिस्क वाले कान्टेक्ट अपना कार्य पहले की तरह कर सकते हैं। 14 दिनों तक उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कैबिनेट बैठक में मंत्रीगण और अधिकारी भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सतपाल महाराज के क्लोज कान्टेक्ट में न होने के कारण कम रिस्क वाले कान्टेक्ट के अंतर्गत आते हैं। इसलिए वे अपना कार्य सामान्य रूप से कर सकते हैं और उन्हें एकांतवास किए जाने की आवश्यकता नहीं है।
उधर, राज्य के कोविड-19 कंट्रोल रूम द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार आज 158 लोगों की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। इनमें देहरादून के 49, हरिद्वार के 17, नैनीताल के 31, टिहरी के 3, अल्मोड़ा के 18, चंपावत के 4, उत्तरकाशी के 7, ऊधमसिंह नगर के 20, चमोली के 2, पौड़ी के 6 और रुद्रप्रयाग का एक मरीज है। इनमें से ज्यादातर लोगों की या तो ट्रैवेल हिस्ट्री दूसरे राज्यों की है या फिर राज्य में किसी कोरोना संक्रमित के कांटेक्ट में आने पर उनमें संक्रमण हुआ है।