भारत के इतिहास से जुडी पोराणिक मान्यताओं को अति प्राचीन इतिहास को हमेशा से ही संदेह की नजरो से देखा गया है.. हमारे भारत में घट चुकी अति प्राचीन भारतीय इतिहास के सन्दर्भ में हमेशा से ही संशय बना रहता है अब रामायण और महाभारत को ही ले लीजिये.
अभी तक कई लोगो के मन में इस महायुद्ध को होने को लेकर कई सवाल उठते रहते है. यहां तक कि हमारे ग्रंथो में वर्णित प्राचीन इन घटनाओं को सुनने के बावजूद भी लोग इस युद्ध को होने को लेकर बेहस करते रहते है. पर दोस्तों बहस करने से सच्चाई पर इसका कोई भी फर्क नही पड़ता है. क्योंकि ये घटनाएं किसी भी प्रमाण की मोहताज नही है.
आज हम यहां बात करने जा रहे है रामायण की उन बातों को जिसका साक्षात् प्रमाण भारत में भी मौजूद है और श्रीलंका में भी मौजूद है. सबसे आश्चर्य की बात तो ये है कि हमारे भारत में रामायण के प्रमाण मौजूद होने के बावजूद भी यहां सवाल उठाये जाते है. पर श्री लंका में ठीक इसका उल्टा होता है क्यूंकि वहां रामायण के होने को लेकर किसी के मन भी कोई दुविधा नही है.
श्रीलंका में रामायण के अवशेषों को संभाल कर रखा है यहां आज भी माता सीता का भव्य मन्दिर मौजूद है यहां पर हनुमान जी के पैरो के निशान को संजोकर रखा गया है. नीचे हम आपको एक विडियो दिखाने जा रहे है जिसमे श्रीलंका में मौजूद रामायण काल के उन अवशेषों को दिखाया गया है जिसे देखकर आप हैरान हो जायेंगे.