भाकियू तोमर के सामने नतमस्तक हुआ प्रशासन, चुनाव निरस्त

बहसूमा में आज होना था डायरेक्टरी का चुनाव, पर्चे निरस्त होने पर हो गया था विवाद

भास्कर समाचार सेवा
मेरठ/बहसूमा। शनिवार को होने वाले डायरेक्टरी के चुनाव के लिए हुए निरस्त हुए पर्चे को लेकर भाकियू तोमर के पदाधिकारियों का मौडखुर्द सहकारी समिति पर पिछले 36 घंटे से धरना प्रदर्शन समाप्त हो गया। एसडीएम अखिलेश यादव एवं सीओ मवाना आशीष शर्मा धनास्थल पहुंचें। दोनों अधिकारियों व भाकियू तोमर के पदाधिकारियों के बीच वार्तालाप हुई लेकिन, पर्चा निर्णय को हल नहीं निकला।

यूनियन के पदाधिकारीयों ने कहा था कि जब तक निरस्त हुए पर्चे को बहाल नहीं किया जाएगा धरना प्रदर्शन समाप्त नहीं होगा। एसडीएम ने यूनियन के पदाधिकारियों से कहा था, सदरपुर में डायरेक्टर के चुनाव को रोक दिया जाएगा। बाकी गांव के चुनाव कराए जाएं। जिस पर यूनियन के पदाधिकारियों ने उनकी एक न सुनी थी। कार्यकर्ताओं ने कहा था कि जब तक निरस्त हुए पर्चे बहाल नहीं किया जाएंगे तो धरना प्रदर्शन समाप्त नहीं होगा। एसडीएम मवाना ने जिले के अधिकारियों से वार्तालाप करने के बाद निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। इसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने साधन सहकारी मोड़खुर्द का चुनाव रोक दिया था।

भाजपा नेता के दबाव में हुआ एक पर्चा निरस्त
बताते चले कि साधन सहकारी समिति मोड़खुर्द के सभापति के लिए शनिवार को चुनाव होना था। इसमें रिटर्निंग ऑफिसर को 4 पर्चे वापस हो गए थे, लेकिन 1 पर्चा रिटर्निंग ऑफिसर ने भाजपा के नेताओं के दबाव में आकर निरस्त कर दिया था। जिस पर भाकियू तोमर के जिलाध्यक्ष सन्नी चौधरी एवं अखिलेश चौधरी मंडल अध्यक्ष आनंदपाल सिंह, प्रधान इंतजार देशवाल, महिला मोर्चा की अध्यक्ष काजल शर्मा आदि ने मोर्चा खोल दिया।

चुनाव रोकने का नोटिस किया चस्पा
देर रात थाना प्रभारी पुलिस फोर्स के साथ धरना स्थल पर पहुंचें। भारतीय किसान यूनियन तोमर के पदाधिकारी से वार्ता कर बताया कि चुनाव को निरस्त कर दिया गया है। जिसमें निर्वाचन अधिकारी प्रदीप कुमार के हस्ताक्षर पर चुनाव को रोकने का नोटिस चस्पा कर दिया। भाकियू तोमर के पदाधिकारीयों ने धरना समाप्त कर दिया। चुनाव रोके जाने पर भारतीय किसान यूनियन तोमर के पदाधिकारियों में हर्ष व्याप्त हो गया है।

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