ADR रिपोर्ट : PM मोदी की नई कैबिनेट में दागी मंत्रियों की भरमार, कई के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहले कैबिनेट विस्तार हो गया है। इसमें सात नेताओं के मंत्रालय में फेरबदल किया गया है और 36 नए चेहरों को शामिल किया गया हैं। इसके साथ ही मंत्रिमंडल में कुल मंत्रियों की संख्या 78 हो गई है।इसी बीच सामने आया कि इनमें से जहां 42 प्रतिशत मंत्री आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं, वहीं 90 प्रतिशत मंत्री करोड़पति हैं।एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

7 जुलाई को हुआ केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले कई दिनों चल रही मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं के बीच 7 जुलाई को इसे मूर्त रूप दे दिया था।इसके लिए कई दिग्गज मंत्रियों से इस्तीफे भी लिए गए थे। इसके बाद 15 मंत्रियों को कैबिनेट में जगह दी गई, जबकि 28 सांसदों को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया।शपथ ग्रहण समारोह के करीब तीन घंटे बाद सभी मंत्रियों को उनके मंत्रालयों का आवंटन भी कर दिया गया था।हत्या

चार मंत्रियों के खिलाफ दर्ज हैं हत्या के प्रयास के मामले

ADR द्वारा मंत्रिमंडल में शामिल सभी मंत्रियों की ओर से चुनाव के दौरान प्रस्तुत किए गए स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण करने पर सामने आया कि 78 सदस्यीय मंत्रिमंडल में से 42 प्रतिशत यानी 33 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।इनमें से 24 मंत्रियों ने खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।इनमें से एक के खिलाफ हत्या और चार अन्य मंत्रियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं।सबसे ज्यादा

इन मंत्रियों के खिलाफ दर्ज हैं गंभीर मामले

ADR की रिपोर्ट के अनुसार, गृह और खेल मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद हासिल करने वाले निसिथ प्रमाणिक के खिलाफ हत्या सहित सबसे ज्यादा 11 मामले दर्ज हैं।इसी तरह अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के राज्य मंत्री बने जॉन बारला के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित नौ, राज्य मंत्री बने वी मुरलीधरन के खिलाफ सात और वित्त मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री बने पंकज चौधरी के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित कुल पांच मामले दर्ज हैं।जानकारी

इन मंत्रियों के खिलाफ दर्ज हैं सांप्रदायिक हिंसा और चुनावी हिंसा के मामले

ADR की रिपोर्ट के अनुसार, सात मंत्रियों के खिलाफ चुनाव के दौरान पैसा बांटने तथा पद का दुरुपयोग करने के मामले दर्ज हैं। इसी तरह पांच मंत्रियों के खिलाफ धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के मामले दर्ज हैं।करोड़पति

कैबिनेट में शामिल 90 प्रतिशत मंत्री हैं करोड़पति

प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट में शामिल कुल 78 मंत्रियों में से 90 प्रतिशत यानी 70 मंत्री करोड़पति हैं।इन मंत्रियों ने चुनावी घोषणा पत्र में खुद के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की घोषणा की है।इनमें चार मंत्रियों के पास 50 करोड़ या उससे अधिक की संपत्ति होने की घोषणा की है। इसी प्रकार कैबिनेट में शामिल आठ अन्य मंत्रियों ने खुद के पास एक करोड़ रुपये से कम की संपत्ति की घोषणा की है।ज्योतिरादिज्य सिंधिया के पास है सबसे अधिक संपत्ति 

ADR की रिपोर्ट के अनुसार, मोदी कैबिनेट में सबसे अधिक 379 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति ज्योतिरादिज्य सिंधिया के पास है।इसी तरह पीयूष गोयल के पास 95 करोड़, नारायण राणे 87 करोड़ और राजीव चंद्रशेखर के पास 64 करोड़ से अधिक की संपत्ति है।रिपोर्ट के अनुसार मोदी कैबिनेट के मंत्रियों की कुल औसत संपत्ति 16.24 करोड़ रुपये आंकी गई है। इससे साफ है कि मोदी सरकार के वर्तमान कैबिनेट प्रचूर संपत्ति वाला है।जानकारी

इन मंत्रियों के पास है सबसे कम संपत्ति

मोदी कैबिनेट में आठ मंत्रियों के पास एक रोड़ से कम संपत्ति है। इसमें प्रतिमा भौमिक के पास सबसे कम छह लाख, जॉन बारला 14 लाख, कैलाश चौधरी 24 लाख, बिश्वेश्वर टुडू और वी मुरलीधरन के पास 27 लाख से अधिक संपत्ति है।

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