मॉनसून जैसे-जैसे पूरे देश में पहुंच रहा है, वैसे ही एयरलाइन कंपनियां ऑफर्स की बरसात कर रही हैं। इस लीन सीजन के दौरान कुछ रूट्स के लिए उन्होंने किराया 1,199 रुपये तक कम कर दिया है। मार्केट शेयर के लिहाज से देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो जून के आखिर तक 1,200 रुपये तक में डोमेस्टिक बुकिंग कर रही थी। देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज ने घरेलू किराए को 25 पर्सेंट और अंतरराष्ट्रीय टिकट के दाम में 30 पर्सेंट तक कटौती की थी। उधर, लो कॉस्ट एयरलाइन गोएयर 1,199 रुपये के न्यूनतम रेट पर टिकट ऑफर कर रही है।
ट्रैवल पोर्टल Yatra.com के प्रेसिडेंट शरत ढल ने बताया, ‘मॉनसून के दौरान ज्यादा लोग हवाई यात्रा नहीं करते। हालांकि, किराये में कमी से डिमांड बढ़ाने में मदद मिलेगी।’ भारत में हवाई किराये का अब सीजन से बहुत लेना-देना नहीं रह गया है। इस सेक्टर में कंपनियों के बीच तगड़ा मुकाबला है। इसलिए एयरलाइन कंपनियां पूरे साल के दौरान आक्रामक किराये की पेशकश करती रहती हैं। हालांकि, मॉनसून सीजन के लिए किराये में कमी इसलिए हैरान करने वाली बात है क्योंकि इस बीच कंपनियों के लिए फ्यूल महंगा हो रहा है। इससे एयरलाइन कंपनियों के मुनाफे पर बुरा असर पड़ेगा।
ट्रैवल पोर्टल क्लियरट्रिप के हेड (एयर ट्रैवल बिजनस) बालू रामचंद्रन ने बताया, ‘फ्यूल प्राइस में बढ़ोतरी के साथ जल्द ही ऐसा समय आएगा, जब एयरलाइंस को उसका भार यात्रियों पर डालना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि, किराये में कमी की वजह से इधर बुकिंग बढ़ सकती है। 15 दिन बाद के लिए अभी औसत किराया 6,500 रुपये के आसपास है। हालांकि, इसमें भी 4,400 रुपये की भारी गिरावट आई है।’
कम किराये का ऑफर सिर्फ डोमेस्टिक कंपनियों तक सीमित नहीं है। मलयेशिया एयरलाइंस ने हाल ही में 72 घंटे की सेल खत्म की है, जिसमें कुआलालंपुर (टैक्स छोड़कर) के लिए सबसे सस्ता रिटर्न टिकट 14,000 रुपये का था। वहीं, बिजनस क्लास का शुरुआती किराया इसमें 35,000 रुपये रखा गया था। लो कॉस्ट एयरलाइन फ्लाईदुबई ओमान और तंजानिया जैसी जगहों के लिए 32,000-36,000 रुपये की प्रमोशनल फेयर की पेशकश कर रही है।
कॉक्स ऐंड किंग्स के बिजनस ट्रैवल हेड जॉन नायर ने कहा,’जैसे ही हम लीन सीजन में एंट्री करते हैं, एयरलाइंस किराये में कटौती करने लगती हैं। उन्होंने कहा, ‘कंपनियां खासकर दक्षिणपूर्व एशिया, उत्तरी एशिया और ऑस्ट्रेलिया के लिए डिस्काउंट दे रही हैं।’
नायर ने कहा, ‘इन क्षेत्रों में पर्यटन के लिए भी यह कमजोर सीजन है। एयरलाइन कंपनियां हमेशा ही बढ़ते भारतीय आउटबाउंड ट्रैवल मार्केट को लुभाने का प्रयास करती हैं।’ फ्लाइट सेंटर ट्रैवल ग्रुप ऑस्ट्रेलिया की भारतीय सहायक कंपनी एफसीएम ट्रैवल सॉल्यूशंस के मैनेजिंग डायरेक्टर रक्षित देसाई ने बताया, ‘पारंपरिक रूप से कमजोर सीजन होने के बावजूद गोवा, कोच्चि, पूर्वोत्तर के शहरों, पोर्ट ब्लेयर, सिंगापुर, अबू धाबी और थाईलैंड जैसे लोकप्रिय डेस्टिनेशंस के लिए इस बार पिछले साल के मुकाबले 28 पर्सेंट की बढ़ोतरी देखी गई है।