सीतापुर। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस यानि नेशनल डीवॉर्मिंग डे (एनडीडी) का आयोजन 10 फरवरी को किया जाएगा। इस दिन एक से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को पेट के कीड़े (कृमि) निकालने की गोली खिलाई जाएगी। इस दिन दवा खाने से छूटे हुए बच्चों को 13-15 फरवरी तक मॉप अप राउंड चला कर दवा खिलाई जाएगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। सीएमओ डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के अंतर्गत हर वर्ष दो बार पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाती है। पेट में कीड़े होने के चलते बच्चे और किशोरों में खून की कमी हो जाती है।
पेट के कीड़ों को निकालने के लिए दस फरवरी को चलेगा अभियान
दरअसल कीड़े पूरा पोषण खा जाते हैं और बच्चे को कुपोषित बना देते हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जिले के 3,546 सरकारी, 2,109 निजी विद्यालयों के अलावा 4,232 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है। इस अभियान के तहत 21,35,734 बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी बताया कि छोटे बच्चों को गोली पीसकर दी जानी है जबकि बड़े बच्चों को इसे चबाकर ही खाना है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समंवयक शिवाकांत ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत एक से पांच वर्ष तक के बच्चों, छह से 19 वर्ष तक के स्कूल न जाने वाले बच्चों और घूमंतु व ईंट-भट्ठों आदि जगहों पर काम करने वाले श्रमिक बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से एलबेंडाजॉल की गोली खिलाई जाएगी।
इसके अलावा छह से 19 वर्ष तक के स्कूल जाने वाले बच्चों को शिक्षक-शिक्षिकाओं के माध्यम से पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाएगी। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि ब्लॉक स्तर पर सरकारी और निजी विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं, एएनएम व सीएचओ को प्रशिक्षण देने के बाद इन्हें वहीं पर आवश्यकतानुसार इन्हें दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। इस प्रशिक्षण से यदि कोई छूट गया है तो वह सीडीपीओ कार्यालय से जानकारी और दवा प्राप्त कर सकता है।