अलीगढ : मानसिक रोग के उपचार का खोजा फार्मूला 

राजीव शर्मा,


अलीगढ। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविधालय के इंटरडिसीप्लीनरी बायोटेक्नालोजी यूनिट में प्रो. एम उवैस की लेबोरेटरी से जुड़े रिसर्च फेलो डॉ. शादाब काज़मी तथा अंजर अब्दुल मुजीब ने अल्जाइमर (डिमेंशिया) तथा सम्बन्धित मानसिक रोग की चिकित्सा के एक नये फार्मेूले की खोज की है जिससे इस रोग से बचाव सम्भव हो सकेगा।


अपने शोध पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए प्रोफेसर उवैस ने बताया है कि अल्जाइमर की वर्तमान चिकित्सा में रोग के विकसित होने पर सफलता पूर्वक काबू पाना सम्भव नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ऐमेलाइड बिल्ड अप को निशाना बनाने से रोग पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बहुत से वैज्ञानिक प्रभावी चिकित्सा की खोज में लगे हुए हैं।
अपने शोध में डॉ. शादाब काज़मी तथा अंजर अब्दुल मुजीब ने रोग को बढ़ने से रोकने के नये तरीके को रेखांकित किया है। यह शोध ‘‘नेचर्स साइंटिफिक रिपोर्ट्स’’ में प्रकाशित हुआ है।
प्रो. उवैस ने बताया कि यह खोज कई दशकों के शोध का परिणाम है जिसका परीक्षण चूहे पर प्रभावी सिद्व हुआ है तथा आशा है कि मानव जाति पर भी इसके सकारात्मक प्रभाव होंगे। उन्होंने बताया कि अमीनू तेजाबों के मिश्रण को उनके एंटी ऐमेलाइड गतिविधि के लिये आज़माया गया तथा उसके डीएनए कोडिंग को अंगों के बजाए त्वचा में प्रविष्ट किया गया। इसके सकारात्मक प्रभाव निकलने तथा उस प्रोटीन के पैदा होने पर रोक लग गयी जिसकी अल्जाइमर रोग में मुख्य भूमिका होती है। प्रो. उवैस ने बताया कि शरीर की बचाव करने की प्रक्रिया पर इसका नकारात्मक प्रभाव भी स्पष्ट नहीं हुआ है इस लिये हमें विश्वास है कि अल्जाइमर से पीडि़त लोगों पर इसके प्रयोग के सकारात्मक प्रभाव होंगे।

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