बालासोर ट्रेन हादसा,​​​​​​​ BMC ने 28 लावारिस शवों का किया अंतिम संस्कार

ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे के 4 महीने बाद 28 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। मंगलवार शाम से शुरू हुई प्रक्रिया बुधवार सुबह पूरी हो गई। इस दौरान CBI के अधिकारी भी मौजूद रहे। AIIMS भुवनेश्वर ने नगर निगम को सभी डेड बॉडी डिस्पोज करने की जिम्मेदारी दी थी।

सभी शवों का अंतिम संस्कार भरतपुर में 3 महिलाओं मधुमिता प्रुस्टी (37), स्मिता मोहंती (53) और स्वागतिका राव (34) ने किया। इन महिलाओं ने बताया- ये पुरुष थे या महिला, इनका धर्म या जाति क्या थी हम नहीं जानते। वे इंसान थे और इसी नाते हमने उन्हें सम्मान के साथ विदा किया। हो सकता है ये लोग पूर्वजनम में हमारे रिश्तेदार रहे हों।

महिलाओं ने मुखाग्नि दी, कहा- हो सकता है वे पूर्वजन्म के संबंधी हों

BMC की मेयर सुलोचना दास ने बताया- अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में महिलाओं ने भागीदारी दिखाई। रूढ़ियों की परवाह किए बिना महिलाएं आगे आईं और चिताओं को मुखाग्नि दी।

इसी साल 2 जून को बालासोर में 3 ट्रेनों की टक्कर में 297 लोगों की मौत हुई थी। इसमें 269 शवों को उनके घरवाले ले गए। कई लोगों की पहचान DNA टेस्ट के आधार पर की गई। हालांकि, जून से 28 शव AIIMS में ही रखे हुए थे। इन शवों को पारादीप पोर्ट ट्रस्ट से खरीदे गए 5 डीप फ्रीजर कंटेनरों में रखा गया था।

ऐसे हुआ था हादसा

2 जून की शाम को चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन की बजाय लूप लाइन में चली गई, जहां मालगाड़ी खड़ी थी। ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई। कोरोमंडल और मालगाड़ी की कुछ बोगियां बगल के ट्रैक पर बिखर गईं।

इसके थोड़ी देर बाद ही ट्रैक पर बिखरे डिब्बों से हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस टकरा गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हादसे में 293 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए।

सीबीआई ने 7 जुलाई को सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मोहंता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार गिरफ्तार किया था। इन तीनों पर गैर-इरादतन हत्या और सबूत मिटाने का आरोप है। 11 जुलाई को कोर्ट ने इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

साथ ही एजेंसी ने 6 सितंबर को 7 रेलवे अफसरों को सस्पेंड कर दिया, जिनमें गिरफ्तार हुए 3 कर्मचारी भी शामिल हैं। वहीं दुर्घटना के बाद रेलवे के आला अफसरों का ट्रांसफर भी किया गया।

तीनों आरोपी जानते थे कि उनकी लापरवाही से हादसा हो सकता है: CBI

चार्जशीट में जिन तीन रेलवे अफसरों के नाम हैं उनके बारे में CBI ने जुलाई में कहा था कि तीनों जानते थे कि उनकी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है। दुर्घटना की जांच कर रहे रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) ने जुलाई के शुरुआती हफ्ते में हादसे के लिए सिग्नलिंग विभाग के कर्मचारियों की मानवीय भूल को जिम्मेदार ठहराया था।

बिना अप्रूवल पटरी रिपेयरिंग की वजह से हादसा हुआ

CBI ने भुवनेश्वर की स्पेशल कोर्ट में 24 अगस्त को अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इसमें जांच एजेंसी ने बताया कि पटरी पर बिना अप्रूवल हो रहे मरम्मत कार्य की वजह से ट्रेन हादसा हुआ था।

इससे पहले बहनागा बाजार स्टेशन के लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 पर बिना मंजूरी के मरम्मत का काम किया गया था। CBI ने कहा कि सीनियर डिविजनल सिग्नल और टेलिकॉम इंजीनियर की मंजूरी के बिना ही वहां रिपेयरिंग वर्क हुआ था। इसके लिए सर्किट डायग्राम भी पास नहीं कराया गया था।

CRS का दावा- हादसे की वजह सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी

हादसे की जांच CBI के अलावा रेलवे बोर्ड की ओर से कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) ने भी की। 3 जुलाई को CRS ने 40 पेज की रिपोर्ट बोर्ड को सौंपी थी। इसके मुताबिक लेवल-क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर तारों की गलत लेबलिंग की वजह से ऑटोमेटेड सिग्नलिंग सिस्टम में गड़बड़ी हुई, जो हादसे का कारण बनी। क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स में तारों की गलत लेबलिंग के बारे में सालों तक मालूम ही नहीं चला। मेंटेनेंस के दौरान भी इसमें गड़बड़ी हुई।

19 PHOTOS से समझें ओडिशा ट्रेन हादसा, 17 डिब्बे पटरी से उतरे

ओडिशा ट्रेन हादसा दिल दहला देने वाला है। अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है। 900 से ज्यादा यात्री घायल हुए हैं। हालांकि रेलवे ने 650 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। शुक्रवार शाम को जब हादसे की खबर आई थी तब किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह इतना भयानक हो सकता है।

बालासोर ट्रेन हादसे में 7 अफसर सस्पेंड, रेलवे ने कहा- ये सतर्क होते तो हादसा नहीं होता

ओडिशा के बालासोर में पिछले महीने हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे में CBI ने बुधवार को 7 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें गिरफ्तार होने वाले 3 रेलकर्मी भी शामिल हैं। यह जानकारी साउथ ईस्टर्न रेलवे के जनरल मैनेजर अनिल कुमार मिश्रा ने दी है।

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