बांदा : अल्प अवधि की धान प्रजातियां विकसित करे- डीएम

दैनिक भास्कर न्यूज

बांदा। जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में खाद-बीज, कृषि यंत्र वितरण, जीआई टैगिंग व कठिया गेहूं को ओडीओपी में शामिल किये जाने की समीक्षा की। निर्देश दिये कि तहसीलदार एवं एसडीएम मार्च तक शत-प्रतिशत लैण्ड सीडिंग कराने के साथ ही खाद्य एवं रसद विभाग के डाटा से कृषि विभाग के डाटा की मैचिंग करवायें। कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष को निर्देशित किया कि अल्प अवधि की धान की प्रजातियां विकसित की जायें, ताकि समय से गेहूं की बुवाई के साथ ही उत्पादकता बढ़ाई जा सके।

आधार सीडिंग के सम्बन्ध में निर्देश दिये कि अवशेष डाटा के लाभार्थियों को अपने क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से पोस्ट आफिस में नया खाता खुलवाने के लिये कैम्प आयोजित कराकर एक सप्ताह के अन्दर पूर्ण कराया जाये। जिलाधिकारी ने अध्यक्ष डॉ.श्याम सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र को निर्देश दिये कि प्रत्येक विकासखण्ड में एक-एक प्रगतिशील कृषक के यहां मॉडल फार्म तैयार करायें।

कलेक्ट्रेट सभागार में खाद-बीज, कृषि यंत्र वितरण की समीक्षा

वही जिसमें उद्यान, पशुपालन, जल संरक्षण आदि के समेकित कार्यक्रम संचालित हों और इनका अवलोकन क्षेत्रीय कृषकों को कराकर उन्हें प्रेरित किया जाये। जनपद में गेहूं की सबसे कम उत्पादकता और धान की विलम्ब से रोपाई पर जिलाधिकारी ने कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष को निर्देशित किया कि अल्प अवधि की धान की प्रजातियां विकसित की जायें, ताकि समय से गेहूं की बुवाई के साथ ही उत्पादकता बढ़ाई जा सके। बैठक में सीडीओ, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, अध्यक्ष केवीके, जिला उद्यान अधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, भूमि संरक्षण अधिकारी व ज्येष्ठ विपणन निरीक्षक ने प्रतिभाग किया।

जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में खाद-बीज, कृषि यंत्र वितरण, जीआई टैगिंग व कठिया गेहूं को ओडीओपी में शामिल किये जाने की समीक्षा की। निर्देश दिये कि तहसीलदार एवं एसडीएम मार्च तक शत-प्रतिशत लैण्ड सीडिंग कराने के साथ ही खाद्य एवं रसद विभाग के डाटा से कृषि विभाग के डाटा की मैचिंग करवायें। कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष को निर्देशित किया कि अल्प अवधि की धान की प्रजातियां विकसित की जायें, ताकि समय से गेहूं की बुवाई के साथ ही उत्पादकता बढ़ाई जा सके। आधार सीडिंग के सम्बन्ध में निर्देश दिये कि अवशेष डाटा के लाभार्थियों को अपने क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से पोस्ट आफिस में नया खाता खुलवाने के लिये कैम्प आयोजित कराकर एक सप्ताह के अन्दर पूर्ण कराया जाये।

जिलाधिकारी ने अध्यक्ष डॉ.श्याम सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र को निर्देश दिये कि प्रत्येक विकासखण्ड में एक-एक प्रगतिशील कृषक के यहां मॉडल फार्म तैयार करायें, जिसमें उद्यान, पशुपालन, जल संरक्षण आदि के समेकित कार्यक्रम संचालित हों और इनका अवलोकन क्षेत्रीय कृषकों को कराकर उन्हें प्रेरित किया जाये। जनपद में गेहूं की सबसे कम उत्पादकता और धान की विलम्ब से रोपाई पर जिलाधिकारी ने कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष को निर्देशित किया कि अल्प अवधि की धान की प्रजातियां विकसित की जायें, ताकि समय से गेहूं की बुवाई के साथ ही उत्पादकता बढ़ाई जा सके। बैठक में सीडीओ, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, अध्यक्ष केवीके, जिला उद्यान अधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, भूमि संरक्षण अधिकारी व ज्येष्ठ विपणन निरीक्षक ने प्रतिभाग किया।

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