कानपुर । छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से बीसीए कर रही एक छात्रा ने सोमवार को गंगा में छलांग लगा दी। इसके पहले उसने एक सुसाइड नोट भी लिखा जो उसके बैग से मिला है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव को खोजने में जुटी हुई है।
उन्नाव जनपद के हैदरपुर गांव निवासी स्व. आलोक कटियार की 20 वर्षीय बेटी दीक्षा कटियार छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में बीसीए प्रथम वर्ष की छात्रा थी। अन्य दिनों की भांति आज भी वह बैग लेकर विश्वविद्यालय के लिए निकली थी। विश्वविद्यालय न जाकर वह कोहना थाना क्षेत्र के गंगा बैराज पहुंच गयी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वह थोड़ी देर तक रेलिंग के आस-पास टहल रही थी और एकाएक गंगा में छलांग लगा दी। वहां मौजूद लोग जब तक घटनास्थल पर पहुंचे छात्रा गंगा के तेज प्रवाह में समा गयी थी। क्षेत्रीय लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी और सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव की तलाश तेज कर दी। लेकिन समाचार लिखे जाने तक छात्रा के शव का कोई भी सुराग नहीं लग सका।
पुलिस अधीक्षक पश्चिमी संजीव सुमन ने बताया कि छात्रा की तलाश की जा रही है और जल्द ही उसके शव को खोज निकाला जाएगा। इसके साथ ही छात्रा के बैग से मिले मोबाइल के आधार पर परिजनों को भी जानकारी दे दी गयी है और परिजनों की ओर से किसी प्रकार की तहरीर नहीं मिली है। छात्रा का सुसाइड नोट जरुर मिला है पर उसमें भी ऐसी किसी बात का जिक्र नहीं है। सुसाइड नोट और मोबाइल को कब्जे में ले लिया गया है, मोबाइल की डिटेल पर व परिजनों से पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जीजा ने लगायी थी डांट
फुफेरे भाई कपिल ने बताया कि मामा और मामी की मौत के बाद करीब चार साल से दीक्षा मकड़ीखेड़ा में रह रही थी। इसके बाद बीते दो माह से वह बड़ी बहन के घर पर कल्याणपुर में रहने लगी थी। रविवार को जीजा शिवम ने दीक्षा को किसी से फोन पर बात करते हुए देख लिया था, जिसपर दीदी और जीजा ने दीक्षा को डांटा था। इससे नाराज होकर रात में वह बुआ यानी हमारे घर आ गई थी। सोमवार की सुबह दीक्षा घर से विश्वविद्यालय जाने की बात कहकर बैग लेकर निकल गई थी।
एक गलती का किया जिक्र
पुलिस के अनुसार दीक्षा ने सुसाइड नोट में अपने दोस्तों और परिवार वालों के लिए प्यार लिखा है। यह भी लिखा है कि मेरे अंदर जिंदगी जीने की हिम्मत नहीं बची है। इसके साथ ही एक गलती का उसने जिक्र करते हुए लिखा है कि उस गलती को वह कभी भूल नहीं सकती। इसी की वजह से पढ़ाई भी नहीं कर पा रही हूं और घर वालों का पैसा फालतू में बर्बाद हो रहा है। ऐसे में और बोझ नहीं बनना चाहती हूं। सुसाइड नोट में गलती के जिक्र को लेकर लोगों में चर्चाएं होती रहीं।
पांच मिनट बाद एक युवक ने भी गंगा में लगायी छलांग
बीसीए की छात्रा ने जब गंगा में छलांग लगायी तो सब लोग गंगा की ओर निहार रहे थे और पुलिस को जानकारी देकर गोताखोरों से बचाव की गुहार कर रहे थे। इसी दौरान यानी छात्रा के छलांग लगाने के करीब पांच से सात मिनट के अंतराल में एक युवक ने भी गंगा में छलांग लगा दी। जिसके विषय में कोई भी जानकारी नहीं मिल पायी है। पुलिस दोनों के शवों की तलाश में जुटी हुई है। युवक के छलांग लगाने से पुलिस दोनों घटनाओं को भी जोड़ने से इंकार नहीं कर रही है।