त्रिकोणासन खड़े होकर किए जाने वाला एक महत्वपूर्ण आसन है। त्रिकोणासन का अर्थ होता है शरीर को त्रिकोण की आकृति में रखना। त्रिकोणासन का अभ्यास सुंदर तन और ग्लोविंग स्किन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस आसन से शरीर तो सुडौल बनता ही है साथ ही इससे कमर के दर्द में भी राहत मिलती है। आइए जानते हैं इस आसन की खास बातें
त्रिकोणासन करने की विधि-
– सीधे खड़ा होकर दोनों पैरों को तीन से चार फीट तक फैलांए।
– अपने अपने दोनों हाथों को कंधों के सीध में फैलाएं।
– अब सांस भीतर खींचते हुए अपने सीधे हाथ को सिर के ऊपर ले जाते हुए कान से मिलाएं।
– अब सांस बाहर को छोड़ते हुए अपने शरीर को बाईं ओर झुकाएं। इस दौरान पैरों को न मुड़ने दें और हाथों की अवस्था न बदले
– अब कुछ देर झुके रहने के बाद सीधे खड़े हों और हाथों को कंधों के समानांतर फैलाए रखें।
– अब सांस भीतर खींचते हुए बांए हाथ को सिर के ऊर ले जाएं और कान से मिलाएं।
– अब सास बाहर निकालते हुए दाहिनी ओर शरीर को झुकाएं। इस दौरान पैरों को न मुड़ने दें और हाथों की अवस्था न बदले
– अब कुछ देर झुके रहने के बाद अपनी सीधे खड़े हो जाएं। इस प्रकार त्रिकोणासन का एक चक्र पूरा हुआ। इसे आप रोज दो -तीन चक्र से शुरू कर सकते हैं।
जानिए खास बातें:
अभ्यास करने के दौरान जब आपका शरीर एक ओर झुकता है तो कान से लग हाथ के विपरीत वाले हाथ को पैर के पंजे से छुआएं। ऐेसा प्रयास एकाएक न करें।
त्रिकोणासन के फायदे-
त्रिकोणासन साफ त्वचा के लिए: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से आप त्वचा संबंधी प्रोब्लेम्स से बच जाते हैं। त्वचा पर बार-बार दाने एवं मुंहासे निकलने की समस्या दूर हो जाती है और चेहरे को चमकदार बनाता है। त्रिकोणासन पेट की चर्बी के लिए: परिवर्तित त्रिकोणासन अभ्यास करने से पेट की चर्बी को बहुत सरलता के साथ कम किया जा सकता है। त्रिकोणासन हाइट बढ़ाने के लिए: इसके रेगुलर अभ्यास से आपके हाइट बढ़ती है और आप अपना मन चाहा कद पा सकते हैं। त्रिकोणासन फेफड़े के लिए: इसके अभ्यास से आप अपने फेफड़े में ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन लेते हैं और लंग्स का सही एक्सरसाइज हो जाता है।