
एक हफ्ते के भीतर गृहमंत्री अमित शाह दोबारा शनिवार को पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर पहुंचे। कार्यकर्ताओं से संवाद में किसान नेता चौधरी चरण सिंह और चौधरी महेंद्र सिंह को याद किया। फिर अमित शाह ने 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे का जिक्र किया।
कहा, ‘मैंने यहां दंगों की वेदना को जानता हूं। आरोप लगाने वाले पीड़ित बन गए और पीड़ित आरोपी बन गए। आज भी दंगों की पीड़ा नहीं भूला हूं। सवाल पूछा- क्या आप लोग दंगों को भूल गए हैं? जवाब मिला- नहीं..नहीं..। फिर शाह ने कहा कि यदि उनकी सरकार आई तो फिर माफियाओं का राज होगा।’
योगी ने चुन चुनकर माफियाओं को साफ किया
शाह ने कहा, ‘यूपी से हमने वादा किया था कि हम यूपी को माफियाओं से मुक्त करेंगे। सलामत बनाएंगे। माता-बहनों से छेड़खानी नहीं होगी। योगी आदित्यनाथ ने पूरे यूपी से चुन-चुनकर माफियाओं को साफ किया। अखिलेश आते थे तो गुंडे माफियाओं की बात करते थे। मायावती आती थी तो जाति की बात करती थीं। अखिलेश को ललकारा कि मैं आंकड़े लेकर आया हूं। अखिलेश कहते हैं कि कानून-व्यवस्था खराब है। मैं कहता हूं कि योगी सरकार में पुरानी सरकार से 70 फीसदी अपराध कम हुए हैं।’
पश्चिम यूपी पर शाह का फोकस
23 जनवरी यानी शनिवार को शाह ने कैराना पहुंचकर पलायन का मुद्दा के हवा दी थी। ठीक एक सप्ताह बाद आज वे पश्चिमी यूपी में हैं। शाह का फोकस प्रदेश के इसी हिस्से पर है, जहां वे पार्टी के लिए जनाधार बढ़ाना चाहते हैं। पलायन और दंगों जैसे मुद्दों को हवा देना भी इसी रणनीति का हिस्सा है। आज शाह देवबंद होते हुए सहारनपुर पहुंचेंगे। देवबंद में वह वोटरों के साथ संवाद कर भाजपा प्रत्याशी बृजेश सिंह के लिए वोट की अपील करेंगे।
डोर टू डोर जनसंपर्क के लिए रवाना हुए शाह
कार्यकर्ताओं से संवाद के बाद शाह डोर टू डोर जनसंपर्क के लिए रवाना हो गए हैं। यहां शिव मूर्ति परउन्होंने नमन किया। शाह यहां डोर-टू-डोर प्रचार कर रहे हैं। शाह ने सदर विधानसभा क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी कपिल देव अग्रवाल के समर्थन में वोट मांगा।

इसके बाद दोपहर में फतवों के शहर देवबंद में राष्ट्रवाद की बात करेंगे। 23 जनवरी को शाह कैराना भी आए थे। 58 दिन के भीतर वह दूसरी बार सहारनपुर जिले और चौथी बार वेस्ट यूपी के दौरे पर हैं।
डोर टू डोर जनसंपर्क को आए गृहमंत्री अमित शाह अपना जनसंपर्क अभियान आधे में ही छोड़कर रवाना हो गए। अनुमान लगाया जा रहा है कि बढ़ती भीड़ को देखकर सुरक्षा कारणों के चलते कार्यक्रम को छोटा किया गया है। हालांकि इस मामले को लेकर न तो भाजपा के स्थानीय वरिष्ठ नेता कुछ बोलने को तैयार है और न पुलिस अधिकारी इस संबंध में कोई जानकारी दे पा रहे हैं।